मोदी के लिए बड़ी चुनौती: सदन में कैसे पहुंचेंगे अल्फोंस और हरदीप पुरी

Sunday, Sep 03, 2017 - 05:16 PM (IST)

नई दिल्ली: ब्रिक्स सम्मेलन में जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहु प्रतीक्षित मंत्रीमंडल का विस्तार तो कर गए लेकिन अब उनके लिए अगली बड़ी चुनौती मंत्रिमंडल में शामिल किए गए दो पूर्व ब्यूरोक्रेट्स को संसद में भेजने की होगी। मंत्रिमंडल में शामिल किए गए पूर्व राजनयिक हरदीप पुरी और पूर्व ब्यूरोक्रेट अल्फोंस कनन्‍नथानम फिलहाल किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। नियमों के हिसाब से इन दोनों का शपथ ग्रहण के छह महीने के भीतर लोकसभा अथवा राज्यसभा पहुंचना जरुरी है यानी 1 मार्च, 2018 से पहले इन दोनों को सदन की सदस्यता हासिल करनी होगी।  

राज्यसभा में फिलहाल नहीं कोई सीट खाली
फिलहाल निकट भविष्य में किसी ऐसे राज्य में राज्य सभा की सीटें खली नहीं हो रही जहां से भाजपा इन दोनों को राज्य सभा भेज सके। दिल्ली की तीन राज्य सभा सीटें 27 जनवरी को खाली होंगी लेकिन इनमे से कोई सीट भाजपा नहीं जीत सकती जबकि सिक्किम से राज्य सभा की एक अन्य सीट 24 फरवरी को खाली होगी लेकिन यहाँ भी भाजपा के पास एक भी विधायक नहीं है लिहाजा भाजपा के पास इन दोनों को लोक सभा चुनाव में उतार कर संसद में भेजने का विकल्प है। 

छह माह बाद दोनों का इस्तीफा करवाने का विकल्प
पिछले दिनों राजस्थान की अजमेर सीट से पार्टी के लोक सभा सदस्य सांवर लाल जाट के निधन के बाद उनकी सीट खाली हो गई है, इसके इलावा उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी अदितयनाथ की गोरखपुर, उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लोक सभा सीट फूलपुर और विनोद खन्ना के निधन के बाद खाली हुई गुरदासपुर लोक सभा सीट पर भी चुनाव आयोग को चुनाव करवाना है लिहाजा इन दोनों को यह चुनाव लड़ा कर सदन में भेजा जा सकता है। एक विकल्प छह माह पूरे होने पर इन दोनों का इस्तीफा करवाने का है और मार्च के महीने में राज्य सभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन्हे सांसद बना कर फिर से शपथ दिलाई जा सकती है।

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