कैशलेस योजना में केंद्र सरकार को बड़ा झटका

Thursday, Mar 01, 2018 - 06:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2016 में नोटबंदी कर देश में कैशलेस की ओर जाने के लिए आह्वान किया था। लेकिन आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री की इस मुहिम को जोर का झटका लगता नजर आ रहा है। देश में एक बार फिर करेंसी चलन का स्तर नोटबंदी के पहले जैसे हो गया है, मौजूदा वक्त में नोटबंदी का सर्कुलेशन 99.17 फीसदी हो गया है। जो कभी नोटबंदी से हुआ करता था।

करेंसी सर्कुलेशन अपने पहले स्तर पर
आरबीआई के अनुसार 23 फरवरी 2018 तक देश की इकॉनोमी में कुल संचालित करेंसी 17.82 लाख करोड़ तक पहुंच गई है। दरअसल, नोटबंदी से पहले देश में संचालित करेंसी कुल 17.97 लाख करोड़ रुपये थी। प्रधानमंत्री ने 8 नंवबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान करते हुए 1000 और 500 के रुपयों को कानूनी रूप से अमान्य कर दिया था। पीएम की घोषणा के बाद देश के सभी बैंकों में करीब 8 लाख करोड़ की करेंसी वापस आ चुकी थी, भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 500 और 1000 के नोट की जगह पहले 2000 के नोट का संचालन किया और कुछ दिनों बाद 500 की नई करंसी संचालन में आई।

बता दें कि मोदी सरकार ने नोटबंदी  का फैसला कालेधन पर नकेल कसने, नकली करेंसी पर लगाम लगाने और देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ाने के लिए लिया था। प्रधानमंत्री के इस फैसले के बाद देश में पेमेंट करने वाले डिजिटल पेमेंट में इजाफा देखा गया। बैंकों ने भी डिजिटल पैमेंट के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया। वहीं आरबीआई की ताजा रिपोर्ट में डिजिटल पेमेंट करने वालों की संख्या में गिरावट दर्ज की है तो नगद पेमेंट करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

आरबीआई के आंकड़ों से देश के अर्थशास्त्री भी हैरान हैं तो वहीं डिजिटल पेमेंट में गिरावट आना केंद्र सरकार के लिए भी चुनौती से कम नहीं है। क्योंकि नोटबंदी के लिए केंद्र ने देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने की बात कही थी। 

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