NGT का आदेश, 'अब एक दिन में 50 हजार श्रद्धालु ही कर सकेंगे वैष्णो देवी के दर्शन'

Monday, Nov 13, 2017 - 07:14 PM (IST)

नई दिल्लीः माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जम्मू जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर नहीं है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने आदेश जारी करते हुए कहा कि अब माता वैष्णो देवी में एक दिन में सिर्फ 50 हजार यात्री ही दर्शन करेंगे। एनजीटी का यह आदेश आज से ही लागू कर दिया गया है। न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एनजीटी की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि तीर्थयात्रियों की संख्या तय संख्या 50,000 से अधिक होगी तो उन्हें अर्द्धकुंवारी या कटरा में रोक दिया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि वैष्णो देवी भवन की क्षमता 50,000 से अधिक नहीं है और इससे अधिक लोगों को वहां जाने की अनुमति देना खतरनाक हो सकता है जिसके चलते यह रोक लगाई गई है। यह रोक कब तक रहेगी इस बारे में एनजीटी ने कोई एडवाइजरी जारी नहीं की है।

क्यों दिए एनजीटी ने ऑर्डर?
एनजीटी ने यह निर्देश कार्यकर्त्ता गौरी मौलेखी की याचिका पर सुनाए जिसमें उन्होंने जम्मू स्थित वैष्णो देवी मंदिर परिसर में घोड़ों और खच्चरों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की थी। इस मुद्दे पर हरित पैनल ने सरकार से जवाब मांगा। याचिकाकर्त्ता ने तीर्थयात्रियों और सामान को कटरा से वैष्णो देवी मंदिर तक ले जाने के लिए घोड़ों, टट्टूओं, खच्चरों और गधों के अंधाधुंध इस्तेमाल के कारण होने वाले प्रदूषण और जन स्वास्थ्य को खतरे पर चिंता जताई थी। साथ ही कहा था कि पैदल चलने वालों खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह खतरा है।

नए निर्माण पर रोक
एनजीटी ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वैष्णो देवी में या उसके आसपास चल रहे किसी भी तरह के नए निर्माण कार्य पर रोक लगाने के भी आदेश दिए हैं। एनजीटी ने कहा कि वैष्णो देवी में केवल पैदल चलने वालों और बैटरी से चलने वाली कार के लिए एक विशेष रास्ता 24 नवंबर से खुलेगा। नया मार्ग 40 करोड़ रूपए की लागत से बना है।

नए मार्ग से घोड़ों और खच्चरों के जाने पर बैन
यह निर्देश भी दिया कि मंदिर तक पहुंचने वाले इस नए मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों को जाने की इजाजत नहीं होगी बल्कि इन पशुओं को धीरे-धीरे पुराने मार्ग से भी हटाया जाएगा।

सड़क-बस स्टॉप पर थूकने पर 2,000 रुपए जुर्माना
एनजीटी ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि कटरा शहर में सड़कों और बस स्टॉप पर थूकने वालों पर 2,000 रुपए का जुर्माना (पर्यावरण मुआवजा) भी लगाया जाए।

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