अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बिडेन ने कश्मीर और CAA को लेकर दिया भारत विरोधी बयान

Saturday, Jun 27, 2020 - 04:43 PM (IST)

वॉशिंगटनः एक तरफ जहां भारत-चीन सीमा विवाद के बीच अमेरिका ने चीन से भारत को बचाने के लिए सेना खड़ी करने ऐलान किया है वहीं अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन ने कश्मीर, नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगला है। बिडेन ने चीन और पाकिस्तान की भाषा में कहा कि भारत के लिए जरूरी है कि वह कश्मीरियों को उनका हक दिलाने के लिए कदम उठाए। इसके अलावा उन्होंने सीएए और असम में लागू एनआरसी को भी गलत बताया।

बिडेन की कैंपेन वेबसाइट पर पोस्ट किया गया है जिसका शीर्षक था 'मुस्लिम अमेरिकी समुदाय के लिए एजेंडा'। इसमें कहा गया है कि सीएए और एनआरसी जैसे कदम भारतीय लोकतंत्र की बहुसंस्कृतिवाद और धर्मनिरपेक्षता की सतत परंपरा के खिलाफ हैं। अमेरिका में नवंबर महीने में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को अमेरिका ने भारत के प्रति दोस्ती दिखाई थी। दरअसल, हाल में चीन की हरकतों के चलते सीमा पर सैनिकों की झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। ऐसे में अमेरिका भारत के प्रति दोस्ताना व्यवाहार दिखाते हुए यूरोप में अपनी सैन्य उपस्थिति कम कर दक्षिण एशिया में बढ़ा रहा है।

इसका संकेत अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गुरुवार (25 जून) को ब्रसेल्स फोरम के आभासी सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा। पोम्पियो से पूछा गया था कि अमेरिका ने जर्मनी में अपने सैनिकों की संख्या में कमी क्यों की है। जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, "अमेरिकी सैनिक, जो वहां नहीं थे, उन्हें अन्य स्थानों पर चुनौतियों का सामना करने के लिए ले जाया जा रहा था।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की हालिया हरकतों का मतलब है कि भारत और वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस जैसे देशों और दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में खतरा बढ़ रहा है। अमेरिकी सेना, हमारे समय की चुनौतियों का पूरी तरह सामना करने के लिए उचित रूप से तैनात है।" चीन के खतरे के बारे में बोलते हुए, उन्होंने भारत के साथ सीमा पर खूनी टकराव का हवाला देते हुए कहा यह बीजिंग की दक्षिण चीन सागर गतिविधि और उसकी शिकारी आर्थिक नीतियों का सबूत है।

Tanuja

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