बैन से बौखलाए मसूद अजहर के आतंकी, भारत में हमले की कर रहे तैयारी

Thursday, May 02, 2019 - 06:09 PM (IST)

नेशनल डेस्कः सयुक्त राष्ट्र संघ ने जैश-ए- मोहम्मद के सरगना और पुलवामा हमले के आरोपी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है। यूएन के इस फैसले के बाद पाकिस्तान में मौजूद आतंकी समूहों में नाराजगी है। अब मसूद अजहर के सहयोगी आतंकी भारत में एक बार फिर घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि मसूद अजहर के रिश्तेदार पाकिस्तान से ही बड़े आतंकी संगठनों को शह देते हैं और आतंकी अब भारत में घुसपैठ के लिए जमीन तलाश रहे हैं।

खुफिया विभाग से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि अफगान आतंकी संगठन ऐसे आतंकी समूहों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। बुधवार पाकिस्तान ने लगातार एलओसी के सीमावर्ती क्षेत्रों में सीज फायर का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान ने भारी मात्रा में गोलीबारी की। सूत्रों का कहना है कि इस फायरिंग की आड़ में ही पाकिस्तान भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहै है। पाकिस्तानी सेना ने स्पेशल फोर्सेज ग्रुप आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने की मदद कर रहा है।

जैम सरगना मसूद अजहर अब वैश्विक आतंकी है। हालांकि पाकिस्तान इस बात से इनकार कर रहा है कि भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। अजहर के वैश्विक आतंकी घोषित होने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने कहा, "मसूद अजहर पर लाए गए शुरूआती प्रस्तावों पर सैंक्शन कमिटी में सहमति नहीं बन सकी क्योंकि इसमें दी गई जानकारी तकनीकी दायरे में नहीं आती थी। ये प्रस्ताव पाकिस्तान और कश्मीरी लोगों के संघर्ष को बदनाम करने के उद्देश्य से लाए गए थे और इसलिए पाकिस्तान ने इसे खारिज कर दिया था।

14 फरवरी को पुलवामा में हुए फिदायीन हमले को  जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था। इसके बाद से ही भारत लगातार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने की कोशिश कर रहा था। आखिरकार भारत का प्रयास रंग लाया और 75 दिन बाद कामयाबी मिल गई। मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति के सदस्य देश अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस लगातार कोशिश कर रहे थे लेकिन चीन हमेशा मसूद अजहर को बचाता आ रहा था। चीन मसूद अजहर पर बार-बार वीटो लगा दे रहा था। 10 वर्षों में चीन 4 बार वीटो लगा चुका था। 2009, 2016, 2017 और फरवरी, 2019  में चीन ने इस प्रस्ताव पर वीटो किया था लेकिन चीन को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पड़ रहे दबावों के चलते चीन को वीटो हटाना पड़ा।

Yaspal

Advertising