बेनीवाल का वसुंधरा राजे पर बड़ा आरोप, कहा- गहलोत सरकार को बचाने की कर रहीं कोशिश

Thursday, Jul 16, 2020 - 08:34 PM (IST)

जयपुरः राजस्थान के राजनीतिक संकट के बीच आरोप-प्रत्यारोप और नेताओं की बयानवाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। अब भाजपा के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर आरोप लगाया है कि वह अशोक गहलोत की सरकार बचाने की कोशिश कर रही हैं। बेनीवाल ने एक ट्वीट में कहा कि वसुंधरा राजे राजस्थान की गहलोत सरकार को बचाने की कोशिश कर रही है। बेनीवाल ने राजे पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने इस मामले में कांग्रेस के कई विधायकों को फोन भी किया।

बेनीवाल ने 'गहलोत वसुंधरा गठजोड़' हैशटैग के साथ एक के बाद एक कई ट्वीट किए। इन ट्वीट में उन्होंने लिखा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे का गठजोड़ जनता के सामने खुलकर आ गया है। दोनों ने मिलकर एक दूसरे के शासन में दोनों के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाला। बेनीवाल ने लिखा, माथुर आयोग प्रकरण, रीको में नियम विरुद्ध सीपी कोठारी को निदेशक बनाने के साथ कई मामलों में गहलोत और पूर्व की राजे सरकार ने लोकायुक्त की सिफारिशों ने नकारा।


गहलोत ने राजे पर रिश्वत का आरोप लगाया था, जांच क्यों नहीं हुई?'
इसके साथ बेनीवाल ने अपना ही एक पुराना ट्वीट शेयर करते हुए अशोक गहलोत को संबोधति करते हुए लिखा, 'आपके स्मरण के लिए आपके द्वारा सदन में कही बात याद दिया रहा हूं, पूर्व मुख्यमंत्री राजे पर पांच करोड़ रुपये प्रतिमाह रिश्वत अवैध बजरी के एवज में देने के आरोप आपने लगाए थे। आपने अब तक कोई जांच करवाई? क्या सदन में कही हुई आपकी बात पर किसी एजेंसी ने संज्ञान लिया?' बेनीवाल ने कहा कि यह दोनों के आपसी तालमेल और आंतरिक गठजोड़ के खेल का बहुत बड़ा उदाहरण है।


गहलोत सरकार को बचाने की पूरी कोशिश कर रही हैं वसुंधरा राजे
एक अन्य ट्वीट में बेनीवाल ने आरोप लगाया कि वसुंधरा राजे अशोक गहलोत की अल्पमत वाली सरकार को बचाने का पूरा प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश और देश की जनता वसुंधरा-गहलोत के आंतरिक गठजोड़ की कहानी को समझ चुकी है। बेनीवाल के इन आरोपों से राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर भूचाल की स्थिति आ गई है। 

सचिन पायलट ने शुरू किया था राजस्थान में राजनीतिक संकट
बता दें कि राजस्थान में गहलोत सरकार तब संकट में आ गई थी जब उप मुख्यमंत्री सचिन गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों के साथ मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी। गहलोत और पायलट के संबंधों में कड़वाहट पहले से ही चली आ रही थी। हालांकि, इस मामले में गहलोत ने सरकार के सुरक्षित होने का दावा किया था और पार्टी नेतृत्व ने पायलट को उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था। उनके विश्वस्त मंत्री भी कार्रवाई की जद में आए थे। 

 

Yaspal

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