डॉक्टरों ने ममता को माफी मांगने कहा, आंदोलन वापस लेने के लिए तय की शर्तें

Friday, Jun 14, 2019 - 06:33 PM (IST)

कोलकाताः पश्चिम बंगाल में आंदोलनकारी चिकित्सकों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बेशर्त माफी मांगने की मांग की और चार दिनों से चल रहे अपने आंदोलन को वापस लेने के लिए राज्य सरकार के लिए छह शर्तें तय की। चिकित्सकों के इस आंदोलन ने समूचे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर दिया है। 

जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त मंच के प्रवक्ता डॉ अरिंदम दत्ता ने कहा, ‘‘एसएसकेएम हॉस्पिटल में कल जिस तरह से मुख्यमंत्री ने हमें संबोधित किया था, उसके लिए हम उनसे यह मांग करते हैं कि वह बेशर्त माफी मांगें। उन्हें वह नहीं कहना चाहिए था, जो उन्होंने कहा था।'' ममता ने बृहस्पतिवार को एसएसकेएम हॉस्पिटल का दौरा किया था, जहां उन्होंने कहा कि बखेड़ा खड़ा करने के लिए बाहरी लोग मेडिकल कॉलेजों में घुसे थे और आंदोलन माकपा एवं भाजपा की साजिश है।

आंदोलनकारियों ने छह शर्तें गिनाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को अस्पताल जाकर घायल डॉक्टरों से मिलना चाहिए और उनके कार्यालय को उन पर (डॉक्टरों पर) हुए हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री के फौरन हस्तक्षेप की भी मांग करते हैं।'' साथ ही सोमवार रात डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया करने में पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ न्यायिक जांच के दस्तावेजी साक्ष्य भी मुहैया किया जाए। 


इसलिए हड़ताल पर हैं डॉक्टर
बंगाल में जूनियर डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना से मेडिकल एसोसिएशन में गुस्सा है जिसके चलते हड़ताल की गई है। 10 जून को नील रत्न सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक 75 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने मौके पर मौजूद डॉक्टरों को गालियां दीं। इस डॉक्टरों ने कहा कि जब तक मृतक के परिजन हमसे माफी नहीं मांगते हम प्रमाण पत्र नहीं देंगे। बात इतनी बढ़ गई कि कुछ ही देर में हथियारों के साथ भीड़ ने हॉस्टल पर हमला कर दिया। इस हमले से दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि कई अन्यों को भी चोटें आईं। इस पर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए।


डॉक्टरों ने नहीं मानी ममता की बात
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार की रात सभी लोगों से बिना किसी देरी के रोगियों को सामान्य स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की अपील की। बनर्जी ने अपने सोशल नेटवर्किंग साइट पर पोस्ट किया कि तीन दिन पहले एनआरएस अस्पताल में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। मैंने अपनी सहकर्मी एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्जी को घायल डॉक्टर से मिलने और आंदोलन करने वाले जूनियर डॉक्टरों के एक वर्ग से बात करने भेजा। उन्होंने हड़ताली डॉक्टरों से आंदोलन वापस लेने का अनुरोध किया क्योंकि लोगों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पर रही है। कैंसर के मरीज, किडनी के मरीज, दुर्घटना के शिकार और यहां तक कि दूर से आने वाले बच्चे भी इलाज नहीं मिलने की परेशानियों का सामना कर रहे है।'' वहीं डॉक्टरों ने अभी तक ममता की बात नहीं मानी है और हड़ताल जारी है।

 

Seema Sharma

Advertising