ऑफ द रिकॉर्डः भारत का अपना ‘जूम’ बनाने के लिए बेल व निजी कंपनियों को जिम्मेदारी

Tuesday, Jun 30, 2020 - 05:32 AM (IST)

नई दिल्लीः भारत का अपना जूम वीडियो कांफ्रैंसिंग नैटवर्क बनाने के संकल्प की दिशा में मोदी सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। भारत सरकार ने दर्जनभर निजी कंपनियों को कुछ आरंभिक फंड देकर उन्हें जल्द जूम के भारतीय संस्करण लाने को कहा है। साथ ही सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत इलैक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बेल) को भी भारत का अपना जूम तैयार करने की विशेष जिम्मेदारी सौंपी है। बेल देश के रक्षा नैटवर्क के लिए इस तरह का सैटअप विकसित कर चुकी है।

जूम चीनी-अमरीकी मालिकाना हक वाली अमरीकी कंपनी है और उसके कुछ सर्वर चीन में भी स्थित हैं। सरकार चाहती है कि देश के लोगों और संस्थानों को देश में ही बना पूरी तरह सुरक्षित जूम मिले। सरकार इस समय वीडियो कांफ्रैंसिंग के लिए नैशनल इंफॉर्मैटिक्स सैंटर (एन.आई.सी.) के नैटवर्क का इस्तेमाल करती है, परंतु इसकी क्षमता सीमित है तथा यह गैर-सरकारी संस्थानों को उपलब्ध नहीं है।

एन.आई.सी. के पास 500 समर्पित ऑप्टिकल फाइबर लाइनें हैं जो देशभर में फैली हुई हैं। इनके माध्यम से पी.एम.ओ., डिफैंस, केंद्रीय मंत्रालयों, मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों आदि को नैटवर्क प्रदान किया जाता है। एन.आई.सी. का नैटवर्क 50-60 लोगों को वीडियो कांफ्रैंसिंग के लिए एक साथ नहीं जोड़ सकता। 

प्रधानमंत्री मोदी समेत वी.आई.पीज एन.आई.सी. नैटवर्क के माध्यम से मुख्यमंत्रियों व अन्य से अब तक 133 वीडियो सैशन कर चुके हैं। भारतीय मूल के जूम की आवश्यकता लॉकडाऊन के दौरान महसूस की गई। इस पृष्ठभूमि में केंद्र ने मेड इन इंडिया वीडियो कांफ्रैंसिंग सॉल्यूशन बनाने के लिए एच.सी.एल., जोहो कॉर्पोरेशन, पीपल लिंक आदि कंपनियों को चुना है।

इन कंपनियों ने जूम जैसे अंतर्राष्ट्रीय प्रोडक्ट का प्रतिरूप विकसित करना है। भारतीय जूम बनाने वाली कंपनी को केंद्र, राज्य सरकारों व अन्य कंपनियों-संस्थानों में यह टैक्नोलॉजी देने का कांट्रैक्ट मिलेगा। यह नया वी.सी. प्रोडक्ट सभी भारतीय भाषाओं में होगा तथा इसकी ‘इंस्क्रिप्शन की’ भी भारत में रहेगी। ऐसा विदेशी वी.सी. टूल्स में नहीं होता है।

Pardeep

Advertising