लोकसभा चुनाव से पहले जानिए क्या है आचार संहिता, ये हैं इसके सख्त नियम

Sunday, Mar 10, 2019 - 07:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चुनाव आयोग द्वारा रविवार को लोकसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के साथ ही देश में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 17वीं लोकसभा के गठन के लिये सात चरण में 11 अप्रैल से 19 मई तक होने वाले चुनाव के मद्देनजर देश में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी है। इसके साथ ही सरकार ऐसा कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकेगी जो मतदाताओं के "फैसले" को प्रभावित कर सके। जानिए क्या है आचार संहिता और कब होता है यह लागू:-


कब लागू ​होती है आचार संहिता

  • राज्यों में चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही लागू हो जाती है चुनाव आचार संहिता।
  • चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही प्रदेश सरकार और प्रशासन पर लग जाते हैं कई अंकुश।
  • चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं सरकारी कर्मचारी।
  • केंद्र सरकार राज्य सरकारें, सभी आते हैं चुनाव आचार संहिता के दायरे में।



क्या है नियम 

  • आचार संहिता लगने के बाद मुख्यमंत्री या मंत्री अब न तो कोई घोषणा कर सकते हैं, न शिलान्यास, लोकार्पण या भूमिपूजन कर सकते हैं। 
  • सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन नहीं होगा, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचे। 
  • प्रत्याशी और राजनीतिक पार्टी को रैली, जुलूस निकालने, मीटिंग करने के लिए इजाजत पुलिस से लेनी होती है।
  • मतदान केंद्र पर गैर जरूरी भीड़ जमा नहींं हो सकती है। जिन्हें चुनाव आयोग ने परमिशन ना दी हो वो मतदान केंद्र पर नहीं जा सकते हैं। 
  • राजनीतिक दलों की हरकत पर चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नजर रखते हैं।
  • सरकारी गाड़ी या एयर क्राफ्ट का इस्तेमाल मंत्री नहीं कर सकते हैं। सरकारी बंगले का या सरकारी पैसे का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के दौरान नहीं किया जा सकता है। 
  • पार्टी के पक्ष में वोटर्स को प्रभावित करने के लिए सत्ताधारी दल द्वारा अधिकारियों की कोई भर्ती नहीं की जाएगी।
  • मतदान के दिन मतदान केंद्र से सौ मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर रोक और मतदान से एक दिन पहले किसी भी बैठक पर रोक।



उल्लंघन करने पर क्या होगी कार्रवाई

  • अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकता है।
  • उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है।
  • उम्मीदवार के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज हो सकती है और दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।

vasudha

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