राखी पर तो लुट गए आप अब इसे पढ़िए ताकि दीवाली पर न हों लूट का शिकार

Monday, Aug 07, 2017 - 03:28 PM (IST)

नई दिल्लीः राखी पर तो आप लुट गए लेकिन अब इस खबर को  पढ़िए ताकि दीवाली पर भी आप लूट का शिकार न हो जाएं। दरअसल, त्यौहारी सीजन में मिठाई बेचने वाले दुकानदार ग्राहकों को लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ते, वे मिठाई के साथ डिब्बा भी तौल देते हैं, जिसका सीधा नुकसान आपको हो रहा है। एक मिठाई के डिब्बे का वजन करीब 100 से 150 ग्राम होता है। जिसकी कीमत 10 से 20 रुपए के बीच होती है लेकिन दुकानदार कागज के डब्बे को भी मिठाई के भाव तौल कर ग्राहकों को मोटा चूना लगा रहे हैं।

कैसे हो रहा है आपको नुक्सान
आईए देखते हैं कि राखी पर आपको ये नुक्सान कैसे हुआ। मान लीजिए आपने अपने घर के लिए मिठाई का एक किलो का एक डिब्बा खरीदा और इस मिठाई की कीमत आपको 500 रुपए लगाई गई। असल में डिब्बे में 800 से लकर 850 ग्राम तक ही मिठाई थी जबकि इसमें 150 से 200 ग्राम वजन डिब्बे का था। यानि कि आपको 20 रुपए में मिलने वाला खाली डिब्बा मिठाई के भाव यानि 75 से 100 रुपए में थमा दिया गया और त्यौहार की जल्दबाजी में आपने भी मिठाई वाले को ये पूछने की जरुरत नहीं समझी कि आखिर 20 रुपए की कीमत वाला डिब्बा 100 रुपए में क्यों थमाया जा रहा है।

दीवाली पर न लुट जाएं
राखी के साथ ही त्यौहारी सीजन शुरू हो गया है अभी आने वाले दिनों में दशहरा, करवाचौथ, जन्माष्टमी, नवरात्रि व दीवाली के त्यौहार आने वाले हैं और इन त्यौहारों के वक्त आप रिश्तेदार व दोस्तों के साथ मिठाईयों का आदान-प्रदान करेंगे। उन दिनों में भी आपके साथ ऐसी ही लूट हो सकती है। लिहाजा अपने अधिकार को पहचानिए और स्वीट शॉप के मालिक से डिब्बे का वजन अलग करने के लिए बोलिए ये आपका अधिकार है और आपको ये अधिकार कानून ने दिया है। अपने इस अधिकार का इस्तेमाल करिए और जागरुक रहिए ताकि आपको कोई मूर्ख न बना सके।

क्या कहता है नियम
जब आप किसी भी मौके पर मिठाई या ड्राई फ्रूटस लेने जाते हैं तो दुकादार डिब्‍बे का वजन भी मिठाई या ड्राई फ्रूटस के साथ तौल देते हैं जबकि उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम 1982 के तहत ऐसा करना गैरकानूनी है। प्रत्येक दुकानदार को पहले बताना होता है कि वह मिठाई एक किलोग्राम दे रहा है या फिर 900 ग्राम। इस मामले में उपभोक्‍ताओं को शिकायत करने का अधिकार है। उपभोक्ता फोरम में यदि ग्राहक याचिका दायर करता है तो कानूनन दुकानदार पर जुर्माना होने के साथ ही उसे सजा भी हो सकती है।

 

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