कठुआ कांड: बीसीआई की टीम ने बॉर एसोसिएशन जम्मू को दी क्लीन चिट

Thursday, Apr 26, 2018 - 08:39 PM (IST)

जम्मू: कठुआ रेप कांड को लेकर पूरे देश में हलचल मची हुई है। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने इस बात के संकेत दिये हैं कि मामले के निष्पक्ष ट्रायल के लिए इसे जम्मू से बाहर भी शिफ्ट किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर उन्हें लगा कि इस मामले में फेयर ट्रायल को लेकर कोई गड़बड़ी हो सकती है तो इस केस को जम्मू से बाहर भी शिफ्ट किया जा सकता है। 


इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बॉर काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम द्वारा बॉर एसोसिएशन जम्मू को क्लीन चिट देने के बाद आया है। बीसीआई ने कहा कि न तो कठुआ में वकीलों ने क्राइम ब्रांच को कोर्ट चार्जशीट फाइल करने से रोका और न ही वकीलों ने पीड़ित परिवार के वकील के रास्ते में कोई रोड़ा अटकाया है। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू बॉर एसोसिएशन और कठुआ बॉर एसोसिएशन की सीबीआई की जांच भी सही लगती है।


वकील दीपिका सिंह ने लगाया था आरोप
पीड़ित परिवार की वकील दीपिका सिंह ने बॉर एसोसिएशन जम्मू पर आरोप लगाया था कि उन्हें एसोसिएशन के प्रधान ने धमकाया है और उनको बच्ची का केस नहीं लडऩे के लिए कहा जा रहा है। दीपिका सिंह ने इस संदर्भ में देश की सर्वोच्च अदालत में अपील की थी। उन्होंने मीडिया के सामने कहा था कि उनके साथ भी बलातकार जैसा कुठ हो सकता है और उनका कत्ल भी करवाया जा सकता है।


क्या है कठुआ ममला
कठुआ के रसाना गांव में 10 जनवरी को एक आठ वर्ष की बच्ची लापता हो जाती है। परिवार पुलिस को शिकायत करता है और साथ ही आरोप लगाता है कि पुलिस उनकी बच्ची को तलाश करने में परिवार की मद्द नहीं कर रही है। वहीं 17 जनवरी को रसाना के जंगल में बच्ची का शव मिलता है। इस मामले में तीन बार जांच की जा चुकी है। अखिरी जांच जम्मू कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने की। मामले में आठ लोग गिफ्तार किए गए हैं, जिनमें पुलिस का एसपीओ, एक एएसआई और दो कर्मी और शामिल हैं। 
 

Monika Jamwal

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