बवाना अग्निकांड का खौफनाक मंजर, लाश देखते ही दौड़ पड़ते थे लोग

Monday, Jan 22, 2018 - 12:44 PM (IST)

होलंबी कलां: बवाना अग्निकांड में 17 लोगों के जिंदा जल जाने के बाद होलंबी कलां का पूरा इलाका शोक में डूबा हुआ है। रविवार दोपहर में जब किसी का शव पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचता तो पूरा इलाका उधर ही दौड़ पड़ता था। सब की आंखों में आंसू और चेहरे पर दर्द आसानी से देखा जा सकता था। चारों ओर से रोने और चीखने की आवाजें आतीं तो देखने वालों के कलेजे मुंह को आ जाते थे। छोटे बच्चों को समझ नहीं आ रहा था कि उनकी मां या बहन के साथ क्या हो गया है? पति या बेटे यह बताने की स्थिति में नहीं थे कि उनकी पत्नी अचानक कैसे उनका साथ छोड़ कर चली गई। किसी-किसी परिवार की स्थिति तो यह थी कि मरने वाला उस परिवार का अकेला कमाने वाला था।
 
मेट्रो विहार के होलंबी खुर्द का यह पूरा इलाका (जेजे क्लस्टर) लेबर क्लास ही है। 22 गज के प्लाट में रहने वाले सभी परिवार मजदूर वर्ग से हैं। इलाके की किसी न किसी फैक्ट्री में मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का गुजारा करते हैं। शनिवार रात जिस फैक्ट्री में यह अग्निकांड हुआ है वह भी यहां से कुछ ही दूरी पर है। इस इलाके की ज्यादातर महिलाएं आस-पास की फैक्ट्रियों में काम करती हैं। इस हादसे में भी मरने वालों में आठ महिलाएं थीं। मरने वालों में ज्यादातर लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने इस हादसे से दो या तीन दिन पहले ही इस फैक्ट्री में काम शुरू किया था। 

हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि इस इलाके की सभी फैक्ट्रियों में मजदूरों को जो वेतन दिया जाता है, वह मात्र 3 से 4 हजार रुपए ही होता है, जो दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन का पांचवां हिस्सा भी नहीं है। इसके बावजूद सरकार या लेबर डिपार्टमेंट का कोई आदमी यहां जांच करने तक नहीं पहुंचता था। इस अग्निकांड ने दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम की नाक के नीचे चल रहे इस गोरखधंधे को भी उजागर कर दिया है।

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