बवाना अग्निकांड: अस्पताल दो लाशों को अब भी अपनों का इंतजार

Tuesday, Jan 23, 2018 - 10:31 AM (IST)

वेस्ट दिल्ली(कुमार गजेन्द्र/ महेश चौहान/ अनुराग जैन): बवाना अग्निकांड के दो दिन गुजर जाने के बाद भी दो लाशें ऐसी हैं, जिनका अभी तक कोई अपना नहीं आया है। इन दो शवों को अभी भी किसी अपने का इंतजार है। आग में दोनों ही शव इस कदर जल गए हैं कि उनकी पहचान करना भी मुश्किल है। दोनों शव किसके हैं, इस बात की तस्दीक फैक्ट्री मालिक भी नहीं कर पा रहा है। 

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी की मानें तो  दोनों शव किसी महिला के हैं या फिर पुरुष के हैं, इस बात का भी पता नहीं चल पा रहा है। पुलिस का कहना है कि फैक्ट्री में काम करने वाले अन्य मजदूरों से इन शवों की पहचान की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह भी इन दोनों शवों के बारे में कुछ भी बताने में असमर्थ हैं। बताया यह भी जा रहा है कि अस्पताल की मोर्चरी के बाहर अभी भी कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के गायब होने की बात कर रहे हैं, लेकिन इन दोनों शवों को नहीं पहचान पा रहे हैं। मामले की जांच कर रहे एसडीएम ने भी अपने सामने बुलाकर कई लोगों ने इन शवों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक कोई ऐसा नहीं मिला है, जो इन शवों को पहचान पाए। 

उधर, पुलिस का यह भी कहना है कि जबतक इनका कोई अपना नहीं आ जाता तब तक इन शवों का पोaस्टमार्टम भी कर पाना संभव नहीं है। पोस्टमार्टम के बाद ही यह पता चल पाएगा कि हादसे में मारे गए यह दोनों लोग महिला है या पुरुष। उधर, जब हमने इस मामले पर अंबेडकर अस्पताल की मेडिकल डायरेक्टर पुनिता महाजन से बात की तो उन्होंने बताया कि अस्पताल की मोर्चरी में कुल पांच शव बिना पहचान के रखे हुए थे, जिनमें से सोमवार को दो शवों की पहचान कर ली गई थी, लेकिन तीन शव अभी भी ऐसे हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पा रही है।

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