बवाना उपचुनाव: केजरीवाल की फिर अग्नि परीक्षा, BJP-कांग्रेस के लिए साख का सवाल

Sunday, Aug 20, 2017 - 04:28 PM (IST)

नई दिल्लीः उत्तर-पश्चिमी दिल्ली की बवाना विधानसभा सीट पर 23 अगस्त को होने वाला उपचुनाव को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कामकाज की अग्नि परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के भरोसे उपचुनाव को जीतने में जुटी हुई है वहीं कांग्रेस के नेता भी इसे साख का सवाल बनाकर दिल्ली में वापसी के लिए सीट हथियाने के लिए जी जान एक किये हुए हैं। पंजाब और गोवा विधानसभा चुनावों में करारी हार, दिल्ली के राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार की जमानत जब्त होने और तीनों निगमों के चुनाव में पार्टी को मिली शिकस्त के बाद बवाना उपचुनाव केजरीवाल के लिए नाक का सवाल बन गया है।

इस चुनाव की कमान केजरीवाल ने अपने हाथ में ले रखी है और उनका पूरा मंत्रिमंडल क्षेत्र में डेरा डाले हुए है। देहाती पृष्ठ भूमि की इस विधानसभा में निगम के छह वार्ड हैं। अप्रैल में हुए चुनाव में भाजपा ने तीन वार्डो पर जीत हासिल की थी जबकि एक-एक वार्ड ‘आप‘ और कांग्रेस के खाते में आया था। वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनावों में ‘आप‘ के टिकट पर वेद प्रकाश ने यहां भारी जीत हासिल की थी, किन्तु पार्टी और केजरीवाल से असंतुष्ट होने के चलते उन्होंने इस वर्ष अप्रैल में इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए। प्रकाश उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर मैदान में है।

बवाना विधानसभा 1993 में अस्तित्व में आई। पहले विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा के चांद राम ने जीत हासिल की। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से आरक्षित 12 में बवाना भी शामिल है। वर्ष 1998, 2003 और 2008 में हुए चुनावों में यहां से कांग्रेस के सुरेन्द्र कुमार विजयी हुए। इसके बाद दो चुनाव में उनकी हार हुई । पार्टी ने इस बार उपचुनाव में भी उन्हीं पर भरोसा जताया है। वर्ष 2013 में हुए चुनाव में भाजपा के गुग्गन सिंह विजयी हुए थे लेकिन 2015 में हुए चुनाव में भाजपा सीट बचा नहीं पाई।

आप’ की तरफ से रामचंद्र मैदान में हैं। कुल आठ उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं और उपचुनाव में वीवी पैट का इस्तेमाल किया जाएगा। इस विधानसभा सीट पर कुल 294282 मतदाता हैं जिनमें से 4102 वोटर 18 से 19 साल के हैं। यह सीट जाट बाहुल है। इसके क्षेत्र में 27 गांव के अलावा झुग्गी-बस्तियों और अनाधिकृत कॉलोनियों का क्षेत्र फल अधिक है।

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