ऑफ द रिकॉर्डः बड़े बंगलों के लिए सांसदों में लड़ाई

Thursday, Jul 25, 2019 - 05:31 AM (IST)

नेशनल डेस्कः पूर्व केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री और राज्यसभा के सदस्य चौधरी बीरेंद्र सिंह के लिए एक बंगले की लंबी तलाश अंतत: खत्म हो गई। वह अपने आलीशान टाइप-8 बंगला नंबर 22 अकबर रोड को छोड़ देंगे और तालकटोरा रोड स्थित बंगले में चले जाएंगे। चौधरी बीरेंद्र सिंह यद्यपि टाइप-8 बंगला लेने के अधिकारी हैं मगर उन्होंने इस संबंध में अपने पूर्व कैबिनेट सहयोगी अरुण जेतली के प्रति नरम रुख अपनाया है और इसे खाली करने को राजी हो गए।

उन्होंने दलील दी थी कि वह भी टाइप-8 बंगला प्राप्त करने के अधिकारी हैं और जब तक उनको मौजूदा बड़े बंगले के समान बड़ा बंगला अलाट नहीं किया जाता, वह इस बंगले को खाली नहीं करेंगे। अरुण जेतली 22 अकबर रोड का बंगला चाहते हैं इसलिए बीरेंद्र सिंह से निजी अनुरोध किया गया और वह इस पर राजी हो गए। इसके बाद टाइप-8 बंगले की तलाश शुरू की गई जोकि तैयार हो। अंतत: शहरी आवास मंत्री हरदीप पुरी ने ताल कटोरा रोड पर एक बंगला ढूंढ निकाला जोकि खाली था। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री ने अपना बंगला खाली कर दिया और उसका कब्जा सरकार को सौंप दिया।

बड़े बंगलों के लिए लड़ाई तेज हो रही है क्योंकि नए मंत्रियों को अभी बंगले नहीं मिले जबकि जिन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाया गया है वे अपने बंगले खाली नहीं कर रहे। बीरेंद्र सिंह केवल इस शर्त पर बंगला खाली करने को तैयार हुए कि उन्हें सरकार द्वारा खाली बंगला दिया जाए।

ऐसा दिखाई देता है कि अरुण जेतली जो कैलाश कालोनी में अपने निजी मकान में शिफ्ट हुए हैं, ने सरकारी बंगला लेने का फैसला किया है। उन्होंने इस आधार पर जून के शुरू में कृष्णा मेनन मार्ग पर स्थित अपना आलीशान बंगला खाली किया था क्योंकि वह इसे अशुभ मानते थे। अब वह एक मांगलिक सरकारी बंगला चाहते हैं जो उन्हें मिल गया है। बीरेंद्र सिंह शीघ्र ही ताल कटोरा रोड पर अपने नए मकान में चले जाएंगे। विडम्बना यह है कि उनके पुत्र जो हिसार से लोकसभा के सांसद हैं, अभी तक मकान के बिना रह रहे हैं। कम से कम 200 सांसद ऐसे हैं जिन्हें अभी तक बंगले नहीं मिले।

Pardeep

Advertising