पढ़िए बस्तर के दुष्कर्म की अनसुनी कहानी

Sunday, Feb 28, 2016 - 05:46 PM (IST)

रायपुर:भारत एक एेसा देश है ।यहां एक सामान अधिकारों की बात की जाती है । पर सच्चाई इससे काफी दूर है । यह एक ऐसा देश है यहां महिलाओं को सामान समझने की बजाए उन्हें सिर्फ एक वस्तु समझा जाता हैं । उनका उपयोग केवल उपभोग के लिए किया जाता है । हमारे समाज में भयानक दुष्कर्म  के कई मामले सामने आते हैं एेसा ही एक मामला जनवरी माह में बस्तर में सामने आया था यहां 13 महिलाओं के साथ बहुत बुरी तरह से दुष्कर्म किया गया था ।

बीजापुर के बासागुड़ा थाना क्षेत्र के नेन्द्रा गांव में जहां माओवादियों की तलाश के नाम पर 13 आदिवासी महिलाओं के साथ सुरक्षा बलों ने सामूहिक बलात्कार किया था। बस्तर में जनवरी माह में चार दिनों में 13 आदिवासी महिलाओं से बलात्कार के बाद पुलिस कार्रवाई नहीं की गई । जबकि बलात्कार जैसे संगीन मामलों में एफआईआर तत्काल दर्ज हो जानी चाहिए लेकिन पुलिस ने इसके खिलाफ कोई एेसी कार्रवाई नहीं की । 

जानकारी के मुताबिक घटना 11 से लेकर14 जनवरी की रात की है । 11 जनवरी को सुरक्षा बलों की टीम गांव में घुसकर आसपास के इलाकों में माओवादियों की तलाश करने लगी इसी दौरान उन्होने ग्रामीण महिलाओं को तरह से तरह से प्रताड़ित किया । इस सारी वारदात की रिपोर्ट दर्ज कराने जब पीड़ित महिलाएं थाने पहुंची तो थाना प्रभारी ने रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार कर दिया था। देश की रक्षा की बात करने वालों के लिए 13 महिलाओं से बलात्कार मेहज एक आंकड़ा होंगा लेकिन इन महिलाओं की मदद नहीं की गई ।

बता दें  मालिनी सुब्रमण्यम बस्तर में रहने वाली राष्ट्रीय स्तर की पत्रकार हैं और मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की रिपोर्टिंग करती हैं । सुब्रमण्यम ने सामाजिक एकता मंच के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी । यह मंच माओवादी विरोधी समूह है जिसके राज्य पुलिस से संबंध हैं । इस मंच ने मालिनी के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मालिनी को नक्सलियों का समर्थक घोषित करने के साथ-साथ बस्तर से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया।

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