बारबाडोस में सम्मानित होंगे भारतीय मूल के गुरदीप बाथ

Friday, Dec 02, 2022 - 03:57 PM (IST)

नई दिल्ली, टीम डिजिटल।  कोरोना काल की परिस्थितियों और समस्याओं को शब्दों में बताना आसान नहीं है। यह समय एक आम नागरिक से लेकर राज्य और  कई देशों के लिए कष्टदायी रहा है। लेकिन खुशी की बात यह है कि इस समय लोगों ने दिल खोलकर एक दूसरे की मदद की। भारतीय मूल के गुरदीप बाथ (Gurdeep Bath) ने कोविड के दौरान कैरेबियाई देश बारबाडोस के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया। जिसके लिए उन्हें बारबाडोस  देश में सम्मानित किया जाएगा। गुरदीप बाथ सेंट किट्स और नेविस (St Kitts and Nevis)  के प्रतिनिधि के रूप में भी कार्यरत है।

उन्होंने फरवरी 2021 में भारत से बारबाडोस जाने वाली  एक लाख वैक्सीन को समय पूर्वक इस देश में पहुंचाने का कार्य किया था। गुरदीप बाथ ने परिवहन और रूट को आसान कर दिया। जिससे वैक्सीन समय रहते बारबाडोस पहुंचने में कामयाब हो पाई। यह समय पूरे विश्व के लिए काफी मुश्किलों से भरा हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभूतपूर्व प्रयास से भारत ने ऐसे मुश्किल वक्त में कई देशों की मदद की है। पूणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित वैक्सीन के जरिए बारबाडोस में टीकाकरण की शुरूआत हुई। यह शुरूआत ऐसे समय में हुई जब पूरी दुनिया वैक्सीन के लिए जद्दोजहद कर रही थी। 
गुरदीप बाथ के इस अमिट योगदान के लिए उन्हें बारबाडोस ने 'द ऑनरेबल' की उपाधि से सम्मानित किया है। जिसके बाद वे अपने नाम के आगे 'सर' लगा सकते है। यह घोषणा बारबाडोस में अन्य प्रमुख हस्तियों को सम्मानित करने के दौरान की गई। साथ ही भारत के मानद कौंसल , डॉ फिलोमेना एन मोलिन हैरिस को भारतीय समुदाय के लिए चिकित्सा और सेवा में योगदान देने हेतु ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक भी दिया गया।

Varsha Yadav

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