रोहिंग्याओं को वापस भेजना चाहता है बांग्लादेश, कहा- म्यांमार में ही है इसका हल

Friday, Oct 06, 2017 - 04:19 PM (IST)

नई दिल्ली: बांग्लादेश का कहना है कि रोंहिग्याओं को जल्द से जल्द म्यांमार वापस लौट जाना चाहिए, क्योंकि उनकी समस्या का हल केवल वहीं हो सकता है। बांग्लादेश ने आज कहा कि रोहिंग्या संकट अभी एक मानवीय मुद्दा है, लेकिन इसमें क्षेत्र को ‘अस्थिर’ बनाने की क्षमता है। भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से कल मुलाकात कर चुके बांग्लादेश के विदेश सचिव शाहिदुल हक ने कहा कि म्यांमार से रोहिंग्या मुस्लिम शरणाॢथयों का लगातार आगमन ‘प्रमुखता’ से चर्चा में रहा और उन्होंने इस मुद्दे के सभी पहलुओं की चर्चा की।

हक ने म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंसा को ‘नस्ली सफाया’ करार देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत करा दिया गया है कि म्यांमार किस तरह रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के ‘अधिकार छीन’ रहा है।  उन्होंने यहां बांग्लादेश उच्चायोग में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘यह सिर्फ लोगों का आवागमन नहीं है बल्कि एक सुरक्षा मुद्दा भी है, जिसमें न सिर्फ म्यांमार और बांग्लादेश के इलाकों, बल्कि क्षेत्र को भी अस्थिर करने की क्षमता है।  उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की समझ साफ है कि यह समस्या म्यांमार की पैदा की हुई है और उसका हल वहीं है।

बांग्लादेश चाहता है कि शरणार्थी ‘यथासंभव जल्द से जल्द’ वापस जाएं।’  म्यांमार ने बांग्लादेश से पांच लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिम शरणाॢथयों को वापस लेने का हाल में प्रस्ताव किया था और दोनों देश उनकी वापसी के समन्वय के लिए एक कार्यसमूह का गठन करने पर सहमत हुए हैं। बांग्लादेशी विदेश सचिव ने बताया कि बांग्लादेश ने हल सुझाते हुए म्यांमार को एक लिखित प्रस्ताव दिया था जिसके बाद दोनों देशों ने एक कार्यसमूह का गठन किया।  हक ने कहा, ‘लोगों को किसी प्रक्रिया के माध्यम से उनके अपने देश भेजना एक सामान्य तरीका है। हमने प्रस्ताव दिया कि चूंकि संख्या ज्यादा है, हमें इस प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय निकायों को भी शामिल करना चाहिए।’

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