दो लाख महिलाओं का रेप.... 30 लाख बेगुनाहों का खून, भारी नरसंहार के बाद बांग्लादेश को मिली आजादी
Friday, Mar 26, 2021 - 09:57 AM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क: 26 मार्च का दिन बांग्लादेश के इतिहास में काफी अहमयित रखता है। 1971 में आज ही के दिन बांग्लादेश ने खुद को स्वतंत्र देश घोषित किया था दक्षिण एशियाई देशों के समूह में एक नया मुल्क शामिल हो गया था। कभी पाकिस्तान के सबसे गरीब क्षेत्रों में शुमार बांग्लादेश 1971 में मिली अपनी आजादी के बाद कई वर्षों तक गरीबी और अकाल से तबाह रहा। आबादी और गरीबी से जूझता बांग्लादेश अब एशिया का ‘अगला टाइगर’ बनने की तरफ बढ़ रहा है। इस देश आजादी की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर जानिए 1971 में हुए युद्ध की पूरी कहानी।
- पूर्वी पाकिस्तान को कुचलने का मिला था आदेश
- यह युद्ध 3 दिसंबर 1971 को उस समय शुरू हुआ था, जब पूर्वी पाकिस्तान में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष चल रहा था।
- पाकिस्तान का सैनिक तानाशाह याहिया खां अपने ही देश के पूर्वी भाग में रहने वाले लोगों का दमन कर रहा था।
- उसने पूर्वी पाकिस्तान की जनभावनाओं को कुचलने का आदेश दे दिया।
- इसके बाद आंदोलन के अगुआ शेख मुजीबुर्रहमान को गिरफ्तार कर लिया गया।
- शुरू में पाकिस्तानी सेना की चार इन्फैंट्री ब्रिगेड अभियान में शामिल थी लेकिन बाद में उसकी संख्या बढ़ती चली गई।
1 करोड़ शरणार्थियों ने भारत में ली शरण
- पाकिस्तानी सेना द्वारा लगभग दो लाख महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था। करीब 20 से 30 लाख लोग मारे गए थे।
- भारत में शरणार्थी संकट बढ़ने लगा। एक साल से भी कम समय के अंदर बांग्लादेश से करीब 1 करोड़ शरणार्थियों ने भागकर भारत के पश्चिम बंगाल में शरण ली।
- लोग भारत में शरण लेने लगे। इसके बाद भारत सरकार पर हस्तक्षेप का दबाव बनने लगा।
- माना जाता है कि मार्च 1971 के अंत में भारत सरकार ने मुक्तिवाहिनी की मदद करने का फैसला लिया।
- 31 मार्च, 1971 को इंदिरा गांधी ने भारतीय सांसद में भाषण देते हुए पूर्वी बंगाल के लोगों की मदद की बात कही थी।
- 29 जुलाई, 1971 को भारतीय सांसद में सार्वजनिक रूप से पूर्वी बंगाल के लड़कों की मदद करने की घोषणा की गई।
- भारतीय सेना ने अपनी तरफ से तैयारी शुरू कर दी। इस तैयारी में मुक्तिवाहिनी के लड़ाकों को प्रशिक्षण देना भी शामिल था।
3 दिसंबर, 1971 को भारत पर हुआ हमला
- पश्चिमी पाकिस्तान में बड़े-बड़े मार्च हुए और भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग की गई।
- दूसरी तरफ भारतीय सैनिक पूर्वी पाकिस्तान की सीमा पर चौकसी बरते हुए थे।
- 23 नवंबर, 1971 को पाकिस्तान के राष्ट्रपति याह्या खान ने पाकिस्तानियों से युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा।
- 3 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान की वायु सेना ने भारत पर हमला कर दिया।
- भारत के अमृतसर और आगरा समेत कई शहरों को निशाना बनाया। इसके साथ ही 1971 के भारत-पाक युद्ध की शुरुआत हो गई।
- 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान की सेना के आत्मसमर्पण और बांग्लादेश के जन्म के साथ युद्ध का समापन हुआ।