क्या नीच मंगल देश में आने वाले अमंगल का सूचक है?

Wednesday, Jun 19, 2019 - 11:15 AM (IST)

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जालंधर (धवन): सौर मंडल के ग्रहों में मंगल काफी महत्वपूर्ण ग्रह है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल मेष व वृश्चिक राशि के स्वामी माने जाते हैं। मंगल ऊर्जा के प्रतीक हैं। मंगल जातक को जुझारू बनाते हैं। यह सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के मित्र हैं तो बुध व केतु के साथ इनका शत्रुवत संबंध है। शुक्र व शनि के साथ इनका संबंध तटस्थ है। मंगल मकर राशि में उच्च के होते हैं तो कर्क राशि में इन्हें नीच का माना जाता है। मंगल दोष से पीड़ित जातक को अपने विवाहित जीवन में कष्टों से लेकर दरिद्रता जैसे दुख उठाने पड़ते हैं। 

चंडीगढ़ के ज्योतिषी मदन गुप्ता सपाटु के अनुसार मंगल 22 जून को रात्रि 11.21 बजे मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जोकि मंगल की नीच राशि है। यह 9 अगस्त सुबह 4.32 बजे तक कर्क राशि में रहेंगे। कर्क राशि में मंगल और बुध साथ-साथ गोचर करेंगे। मंगल अपनी नीच राशि में 18 महीने बाद आ रहा है, इस कारण आंधी, तूफान के साथ-साथ जातकों में क्रोध और अहंकार देखने को मिलेगा। वहीं विशेषत: मंगल शनि द्वारा 4 राशियों में नीच भंग राजयोग भी बनेगा, जिससे मिथुन, कन्या, धनु और मीन राशि वालों को विशेष लाभ होता दिख रहा है। 

उन्होंने बताया कि लगभग 40 दिनों की मंगल की कर्क राशि में चाल के कारण जुलाई महीने में देश में अराजकता, वैमनस्य, दंगे, सीमा पर जनहानि, मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण फेरबदल, अनुशासनहीनता, धरती पर मौसम परिवर्तन के कारण हानि, भूकम्प के झटके, वर्षा से नुक्सान, किसी लोकप्रिय नेता या अभिनेता का वियोग देश को सहन करना पड़ सकता है। देश की सीमाओं पर पड़ोसी देश से झड़पें हो सकती हैं।

Niyati Bhandari

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