बाबरी विध्वंस मामला: तो क्या आडवाणी-जोशी के राष्ट्रपति बनने के सफर पर लगेगा ब्रेक?

Wednesday, Apr 19, 2017 - 11:51 AM (IST)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाए जाने के मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने का मुकद्दमा चलाने का आज आदेश दिया। न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष एवं न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन की पीठ ने इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अपील स्वीकार करते हुए आपराधिक साजिश रचने से संबंधित मुकद्दमा चलाने का आदेश दिया है। वहीं कोर्ट के फैसले के बाद अब सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि राष्ट्रपति पद की दौड़ से क्या आडवाणी और जोशी बाहर हो जाएंगे।

बता दें कि इसी साल जुलाई में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी इस पद के लिए प्रबल दावेदार हैं। लेकिन बाबरी मस्जिद विध्वंश केस में आए कोर्ट के फैसले ने इन दोनों दावेदारों को लगभग दौड़ से बाहर कर दिया है। राजनीतिक हलकों में माना जा रहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जोशी की दावेदारी पर विचार कर रही है और जल्द ही इस नाम पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर ली जाएगी। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आडवाणी के नाम इस पद के लिए आगे किया था।

पीएम आडवाणी को राष्ट्रपति पद देकर गुरुदक्षिणा देना चाहते थे। वहीं हाल ही में भुवनेश्वर में हुई पार्टी कार्यकारिणी में पीएम और मुरली मनोहर जोशी ने अमित शाह के आमंत्रण पर एक साथ डिनर किया था। गौरतलब है कि इसी साल मोदी सरकार ने जोशी को पद्म विभूषण सम्मान भी दिया है। जोशी और आडवाणी भाजपा के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य हैं।

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