सरकारी तंत्र की बदहाली: हैसियत 50 हजार की भी नहीं, लेकिन बना दिया 5 करोड़ का आय प्रमाणपत्र

Friday, Aug 02, 2019 - 12:03 PM (IST)

उत्तर प्रदेश: अब इसे सरकारी तंत्र की बदहाली कहें या उसमें मौजूद भष्टाचार। लेकिन गरीबी से हर रोज लड़नेवाली तारादेवी को जब उसका आय प्रमाणपत्र मिला तो उसके होश ही उड़ गए। जिस घर में खाने तक के लाले हैं वहां का आय प्रमाणपत्र 5 करोड़ 20 लाख।

जी हां सही सुना आपने। दरअसल पूरा मामला अयोध्या के बीकापुर तहसील का है। जहां गरीब विधवा तारादेवी अपने बेटे को छात्रवृति दिलाना चाहती थी। इसके लिए उन्हे अपनी आय प्रमाणपत्र देना जरूरी था। इसी को बनवाने के लिए वो तहसील पहुंची। छात्रवृति के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 जुलाई थी। उसी दिन उनको अपना आय प्रमाणपत्र मिला। लेकिन उसमें अपनी सालाना आय देखकर उनके तो होश ही उड़ गए। प्रमाणपत्र में उनकी सालाना आय पांच करोड़ रूपए लिखी हुई थी। वहीं आय प्रमाणपत्र में गड़बड़ी के कारण उनका बेटा छात्रवृति के लिए भी आवेदन नहीं कर सका।  

तारादेवी का कहना है कि प्रमाणपत्र बनवाने के लिए लेखपाल ने उनसे सुविधा शुल्क (यानी रिश्वत) मांगा था। जब उन्होने सुविधा शुल्क नहीं दिया तो उसने नाराज होकर ऐसा प्रमाण पत्र बना दिया। जिसके बाद परेशान तारादेवी ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद पूरा मामला उजागर हुआ। हालांकि अबतक इस मामले में लेखपाल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पीड़िता तारादेवी का आरोप है कि लेखपाल ने उससे रिश्वत की मांगी थी। लेकिन जब उन्होने रिश्वत नहीं दी तो उसने उनकी आय प्रमाणपत्र संख्या 475191013603 में मासिक आय 43 लाख 33 हजार 766 रुपये 67 पैसे और सालाना आय 5 करोड़ 20 लाख 5 हजार 200 रूपए दिखा दी। जबकि हकीकत में तारादेवी खेती-बाड़ी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करती हैं। वहीं इस पूरे मामले पर बीकापुर के एसडीएम का कहना है कि उन्हे मामले की जानकारी मिल चुकी है और वो पूरे मामले की तहसीलदार से जांच करवाएंगे।

prachi upadhyay

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