बचिए, साबित हुआ कि पान मसाले में है निकोटीन
punjabkesari.in Saturday, Sep 28, 2019 - 04:30 AM (IST)

नई दिल्ली: देशभर में पान मसाला कंपनियों का जीरो प्रतिशत निकोटिन (एक तरह का रसायन) का दावा महज फरेब साबित हुआ है। भारत सरकार के राष्ट्रीय तंबाकू परीक्षण प्रयोगशाला में जब नामी पानमसालों की जांच की गई तो उनमें खतरनाक निकोटिन की मौजूदगी पाई गई। जबकि पान मसाला कंपनियां पान मसाला के पाऊच पर साफ-साफ लिखती हैं कि इसमें निकोटीन और तंबाकू नहीं है।
बिहार से पान मसाला के 7 प्रमुख ब्रांडों के पैकेट राष्ट्रीय तंबाकू परीक्षण प्रयोगशाला में जांचे जाने पर उनमें निकोटीन पाया गया। पान मसालों में विषाक्त मैग्नीशियम कार्बोनेट होने की एक रिपोर्ट के बाद बिहार सरकार ने इनकी जांच कराने का फैसला लिया था। इसके साथ ही 30 अगस्त को पान मसाला के 15 ब्रांडों की बिक्री, उत्पादन, भंडारण और ढुलाई को प्रतिबंधित कर दिया था। बिहार से लिए गए नमूनों की जांच रिपोर्ट के अनुसार, रजनीगंधा, कमला पासंद सहित सभी 7 पान मसाला ब्रांड में खतरनाक रसायन निकोटीन की मौजूदगी पाई गई है। मधु, सुप्रीम, राजश्री, सिग्नेचर और रौनक आदि नाम के पान मसाला भी इनमें शामिल हैं।
टाटा मेमोरियल सेंटर और वॉयस ऑफ टोबैको विक्टिम्स (वीओटीवी) के संस्थापक उप निदेशक पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय प्रयोगशालाओं में कई जांचों में सामने आ चुका है कि पान मसालों के कई हानिकारक प्रभाव होते हैं। चतुर्वेदी के मुताबिक पान मसाला जैसे खतरनाक उत्पादों को पूरे देश में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। कैंसर विशेषज्ञ डॉ. हरित चतुर्वेदी ने कहा कि इन उत्पादों में न केवल मैग्नीशियम कार्बोनेट बल्कि अन्य खतरनाक मिलावट भी हो सकती है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना
खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2011 के नियमन के अनुसार 2.3.4 निकोटीन या तंबाकू को किसी भी खाद्य उत्पादों में मिलाना प्रतिबंधित है और पान मसाला के साथ निकोटीन को मिलाना सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना है। शीर्ष अदालत ने 3 अप्रैल, 2013 को अंकुर गुटखा के मामले में पान मसाला और गुटखा में निकोटीन होने की वजह से प्रतिबंध लगा दिया था।
प्रमुख बातें
- भारत में वैश्विकस्तर पर मुंह के कैंसर का खतरा सबसे अधिक है।
- एक साल में 75 से 80 हजार कैंसर के नए मरीजों का पता चल रहा है।
- माउथ कैंसर के 86 प्रतिशत मरीज भारत में पाए जाते हैं।
- माउथ कैंसर के 90 फीसदी मामलों में चबाने वाला तंबाकू ही कारण है।