देश में प्रति व्यक्ति 444 ग्राम दूध की उपलब्धता

Monday, Apr 24, 2023 - 06:10 PM (IST)

चंडीगढ़, 24 अप्रैल –(अर्चना सेठी)  भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल के 19 वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और 544 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज दीक्षांत समारोह के साथ-साथ संस्थान के 100 वर्ष पूर्ण हो रहे है। एनडीआरआई देश का बहुत ही महत्वपूर्ण संस्थान है। आज पशुपालन व डेयरी के क्षेत्र में जिस मुकाम पर देश खड़ा है, उससे हम दुनिया के सर्वाधिक दूध उत्पादन वाले देश बने हैं।

 तोमर ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है और कृषि की कल्पना के बिना पशुपालन व मत्स्य संभव नहीं है। जब कृषि की बात होती है तो पशुपालन स्वाभाविक रूप से उससे जुड़ा ही रहता है और विशेष रूप से देश के छोटे किसान, भूमिहीन किसान उनकी रोजी-रोटी पशुपालन पर ही निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि कृषि की जीडीपी में पशुपालन का उल्लेखनीय योगदान है।


केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि जब देश भर में कृषि के क्षेत्र में काम करने वाले विश्वविद्यालयों और आईसीआर के भी विश्वविद्यालयों इन सब में प्रतिस्पर्धा हुई तो एनडीआरआई ने लगातार 5 वर्षों तक प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि एनडीआरआई के प्रयासों के परिणामस्वरूप 2021 में हमारे देश में प्रति व्यक्ति 444 ग्राम दूध की उपलब्धता है। जबकि दुनिया का औसत 394 ग्राम प्रति व्यक्ति है। वर्ष 2013-14 से लेकर आज तक अधिक वृद्धि को देखते हैं तो यह 44 प्रतिशत की वृद्धि है।


केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला ने गोल्ड मेडल एवं डिग्रियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह संस्थान की 100 वर्ष की ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अर्थतंत्र को मजबूत करने के लिए देश में स्वतन्त्र सहकारिता विभाग का गठन किया जिसके तहत किसानों को ऋण व डेयरी क्षेत्र के किसानों को केसीसी देने का भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस ऋण एवं केसीसी में 20 लाख करोड़ तक आवेदन करने घोषणा की गई है। इसे छोटे किसानों को बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की बजाय जनता के उपत्पादन से भी जोड़ा गया है जो आज 8 करोड़ से अधिक रोजगार देने का कार्य कर रहा है।

Archna Sethi

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