ऑटो वाले ने 10 रुपए का सिक्का लेने से मना किया तो बुला ली पुलिस, फिर जो हुआ...

Saturday, Jan 28, 2017 - 07:48 PM (IST)

चंडीगढ़ (कुलदीप): नोटबंदी के दौरान दस रुपए के सक्कों ने लोगों को परेशान कर दिया था। हर कोई शख्स दस का सिक्का लेने से कतराने लगा। कारण था दस रुपए के सिक्कों का नकली होना जो एक अफवाह थी। आज भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। दस रुपए का सिक्का को लेकर सड़क पर जमकर हंगामा हुआ। किराए के तौर पर एक शख्स ने ऑटो वाले को 10 का सिक्का दिया लेकिन ऑटो वाले ने लेने कर दिया और कहा कि यह तो नकली होता है। फिर क्या था जमकर बहस होने लगी। बात यहीं नहीं रुकी तो ऑटो सवार युवक ने मौके पर पुलिस बुला ली। 

शिकायतकत्र्ता सैक्टर-15 निवासी स्टूडैंट करण कुमार ने बताया कि उसने सैक्टर-9 से ऑटो पकड़ा और पी.जी.आई. के नजदीक वाली सड़क पर उतरकर ऑटो चालक को 10 का सिक्का किराए में दिया। ऑटो चालक ने नकली सिक्का बताकर लेने से साफ इनकार कर दिया। काफी नोक-झोंक के बाद करण ने पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल कर दी। हालांकि मौके पर पी.सी.आर. पहुंचने से पहले ऑटो चालक निकल भागा। 

10 का सिक्का न लेने से मना किया तो हो सकती है जेल... 
एक बैंक अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि कोई ऐसी मशीन नहीं है, जिससे पता लगाया जा सके कि सिक्का असली है या नकली। उन्होंने बताया कि 10 का सिक्का लेने से इंकार करने वाले लोगों को जेल तक हो सकती है। शिकायत मिलने के बाद एफ.आई.आर. दर्ज करके पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ चालान करके कोर्ट में पेश कर सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक ने दस रुपए का सिक्का चलन से बाहर नहीं किया इसलिए लेने से इनकार करने वाले आरोपी को सजा भी हो सकती है। ऐसे में असली सिक्का लेने से मना करना कानूनन गलत है और भारतीय मुद्रा का अपमान है। 

जाली नोट या सिक्के चलाने पर और सही सिक्कों को लेने से मना करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 489ए से 489 इ के तहत अपराध है। इन धाराओं के तहत किसी विधिक न्यायालय द्वारा आर्थिक दंड, कारावास अथवा दोनों की सजा दी जा सकती है। 17 साल की सजा या 20000 रुपये का जुर्माना या फिर दोनों सजा दी जा सकती है। अगर आप के भी शहर या कस्बे में भी ऐसा हो रहा हो तो उसका वीडियो या ऑडियो बना कर इलाके के डी.एम. ऑफिस या थाने में बताएं। 

ऐसे कर सकते हैं असली और नकली सिक्के की पहचान...
असली दस रुपए का सिक्का डबल डाई से तैयार किया जाता है। नकली सिक्के में भी डबल डाई का प्रयोग किया गया है लेकिन ध्यान से देखने पर इन्हें पहचाना जा सकता है। असली सिक्कों में पीले भाग का रंग हलका है जबकि नकली में पीला भाग ब्राइट है।

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