ऑटो कंपनियां अगले 4 सालों में करेंगी 58 हजार करोड़ रुपये का निवेश, बढ़ेगी घरेलू मैन्युफैक्चरिंग

Saturday, Mar 02, 2024 - 11:26 AM (IST)

ऑटो डेस्क. घरेलू ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री अगले 4 साल में करीब 58,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इस पूंजी से इलेक्ट्रिक मोटर और ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन सिस्टम जैसे एडवांस पुर्जों की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाई जाएगी। इसके जरिये आयात पर निर्भरता कम करके बहुराष्ट्रीय कंपनियों की 'चाइना प्लस वन' सोर्सिंग रणनीति का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाया जाएगा। 


ऑटो एंसिलरी इंडस्ट्री के संगठन ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एक्मा) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एडवांस टेक्नोलॉजी के विकास और मैन्युफैक्वरिंग के लिए नया निवेश मार्च 2028 तक किया जाएगा। घरेलू ऑटोमोबाइल कंपनियां पहले ही 11 प्रमुख कंपोनेंट कैटेगरी में 500 से ज्यादा लोकलाइजेशन प्रोजेक्ट्स शुरू कर चुकी हैं। इनमें ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन, पावर कंट्रोल यूनिट, हाई स्ट्रेंथ स्टील और कम्बाइंड चार्जिंग सिस्टम शामिल हैं। बीते दो साल में इनका आयात करीब 6% घटा है, जो इंडस्ट्री के टारगेट 3% से दोगुना है।


बीते दो साल में...


चीन से गाड़ियों के पुर्जी का आयात 32% से घटकर 30% रह गया। 2021-22 में भारतीय कंपनियों ने 1.36 लाख करोड़ के पुर्जे आयात किए।


निर्यात 66% बढ़ा


ऑटो कम्पोनेंट्स का निर्यात 66% बढ़कर 1.42 लाख करोड़ का हो गया। भारतीय कंपनियां अब अमेरिका और यूरोप जैसे बाजारों में निर्यात कर रही है।

 

फरवरी में बिकीं रिकॉर्ड 3.73 लाख कारें


बीते माह डीलरों को रिकॉर्ड 3,73,177 कारें डिस्पैच की गई। ये फरवरी 2023 से 11.3% ज्यादा और किसी भी साल फरवरी में कारों की सबसे अधिक थोक बिक्री है। कंपनियों की सेल्स रिपोर्ट के अनुसार, 29 फरवरी तक बीते 11 महीनों में 38.59 लाख सेडान, यूटिलिटी व्हीकल्स और हैचबैक कारें बिकीं हैं।

Parminder Kaur

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