भागवत बोले-1930 से ही देश में हो रही मुस्लिम आबादी बढ़ाने की कोशिश, भारत को बनना था पाकिस्तान

punjabkesari.in Thursday, Jul 22, 2021 - 09:53 AM (IST)

नेशनल डेस्क: असम के दो दिवसीय दौरे पर यहां आए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि साल 1930 में भारत को पाकिस्तान बनाने की कोशिश हुई थी। दरअसल जनसंख्या नियंत्रण को पिछले कुछ दिनों से छिड़ी चर्चा के बीच मोहन भागवत का यह बयान आया है। असम के गुवाहाटी में अपने दौरे के दौरान एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि साल 1930 से ही देश में मुस्लिम आबादी को बढ़ाने की कोशिश चल रही है क्योंकि कुछ देश विरोधी ताकतें भारत को पाकिस्तान बनाना चाहती थीं।

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संघ प्रमुख ने कहा कि 1930 से ही संगठित तरीके से मुस्लिम आबादी को बढ़ाने की कोशिशें की जा रही हैं ताकि उनकी ताकत को बढ़ाया जा सके और इस देश को पाकिस्तान बनाया जा सके। ये सब पंजाब, सिंध, असम, बंगाल और आसपास के क्षेत्रों के लिए प्लान किया गया था, जिसमें कुछ हद तक सफलता भी मिली। मोहन भागवत ने कहा कि पंजाब, बंगाल आधा ही मिल सका लेकिन असम इन्हें नहीं मिल पाया और इसे पाने के लिए अब भी कई तरह से प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि इससे पहले भागवत ने कहा था कि संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) का हिंदू-मुसलमान विभाजन से कोई लेना-देना नहीं है और कुछ लोग अपने राजनीतिक हित साधने के लिए इन दोनों मामलों को साम्प्रदायिक रंग दे रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि इस नागरिकता कानून के कारण किसी मुसलमान को कोई नुकसान नहीं होगा। भागवत ने ‘सिटिजनशिप डिबेट ओवर एनआरसी एंड सीएए-असम एंड द पॉलिटिक्स ऑफ हिस्ट्री' (एनआरसी और सीसीएए-असम पर नागरिकता को लेकर बहस और इतिहास की राजनीति) शीर्षक वाली पुस्तक के विमोचन के बाद कहा कि स्वतंत्रता के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि अल्पसंख्यकों का ध्यान रखा जाएगा और अब तक ऐसा ही किया गया है। हम ऐसा करना जारी रखेंगे। सीएए के कारण किसी मुसलमान को कोई नुकसान नहीं होगा।

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Content Writer

Seema Sharma

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