दिल्ली दंगे: UAPA हटाने संबंधी हुसैन की याचिका सुनवाई को बाधित करने का प्रयास: पुलिस ने अदालत से कहा

Tuesday, Sep 28, 2021 - 08:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की उनके खिलाफ यूएपीए प्रावधानों को लागू करने को चुनौती देने वाली याचिका सुनवाई को बाधित करने और उसे रोकने की कोशिश है। हुसैन की याचिका के जवाब में पुलिस ने कहा कि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर ''किसी भी तरह की चिंता'' पर केवल निचली अदालत द्वारा विचार किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की एकल पीठ ने मंगलवार को निर्देश दिया कि दिल्ली पुलिस के जवाब को रिकॉर्ड में लाया जाए और मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर के लिए सूचीबद्ध की। विशेष प्रकोष्ठ के पुलिस उपायुक्त द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया, '' यह स्पष्ट है कि याचिका और कुछ नहीं बल्कि मुकदमे को बाधित करने और उसे रोकने का प्रयास है। इसलिए, प्रावधान लागू करने संबंधी चिंता पर केवल निचली अदालत विचार कर सकती है और यह रिट अदालत के न्यायिक दायरे में नहीं आता है।'' वकीलों अमित महाजन और रजत नायर के माध्यम से दायर हलफनामे में दावा किया गया कि याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई योग्य नहीं है और यह खारिज करने योग्य है।

पुलिस ने यह भी कहा है कि निचली अदालत ने अपराध का 17 सितंबर, 2020 को संज्ञान लिया था लेकिन याचिकाकर्ता ने इसी चुनौती नहीं दी है। इस साल 23 जुलाई को अदालत ने हुसैन की याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा था । इस याचिका में बड़े स्तर पर कथित साजिश रचने संबंधी मामले के आरोपपत्र में उसके खिलाफ लगाए गए आतंकी गतिविधियों से संबंधित यूएपीए प्रावधानों को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। याचिका के अनुसार आरोप पत्र में कहा गया है कि इसी साजिश की वजह से उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान पिछले साल फरवरी में दंगे हुए थे। याचिका में यूएपीए क तहत उनके खिलाफ दर्ज मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देने को भी चुनौती दी गयी है। हुसैन पर पिछले साल हुये दंगों के सिलसिले में पुलिस द्वारा दर्ज अनक मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

 

rajesh kumar

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