BJP नेताओं की वजह से अल्पसंख्यकों पर होते हैं हमले, UN मानवाधिकार रिपोर्ट में दावा

Thursday, Sep 13, 2018 - 01:31 PM (IST)

नई दिल्ली: भाजपा एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों में जुटा हुआ है वहीं संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मानवाधिकार विशेषज्ञ की रिपोर्ट मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। यूएन रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा नेता अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ भड़काऊ बयान दे रहे हैं जिस वजह से मुस्लिमों और दलितों पर लगातार हमले बढ़ते जा रहे हैं। इस रिपोर्ट को 2017 में यूएन आमसभा के रिजोल्यूशन में तमाम देशों द्वारा जातिवाद, नस्लीय भेदभाव, विदेशी लोगों को नापसंद करने और असहिष्णुता पर इकट्ठी की गई जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। रिपोर्ट में एच्यूमी ने कहा कि हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी भाजपा की जीत को दलितों, मुस्लिमों, आदिवासी और ईसाई समाज के खिलाफ हिंसा से जोड़ा जाता है।

रिपोर्ट में कही गईं ये विशेष बातें

  • अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ भाजपा नेताओं की ओर से लगातार भड़काऊ बयान दिए जाते रहे हैं जिससे मुस्लिम और दलितों को निशाना बनाया गया।
     
  • रिपोर्ट में उल्लेख किया कि इसी साल मई में उन्होंने भारत सरकार को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने एनआरसी के मुद्दे को उठाया था।
     
  • असम में रहने वाले 'बंगाली मुस्लिम अल्पसंख्यकों' की समस्याओं का भी जिक्र किया था जिन्हें ऐतिहासिक रूप में 'विदेशी' करार दिया जाता रहा है।
     
  • चुनाव आयोग की मतदाता सूची में असम के लोगों के नाम शामिल हैं लेकिन एनआरसी से गायब है, यह निराशाजनक है।
     
  • 1997 में भी एनआरसी प्रक्रिया को अपनाया गया था जिससे बड़ी संख्या में असम में बंगाली मुसलमानों के अधिकार चले गए थे।

यह रिपोर्ट तेंदायी एच्यूमी ने तैयार की है जो यूएन में बतौर स्पेशल रिपोर्टर ऑन कंटेमपरोरी फॉर्म्स ऑफ रेसिज्म, रेसियल डिसक्रिमिशन, जेनफोबिया एंड रिलेटेड इनटोलरेंस हैं। इस पद पर नियुक्ति संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति (यूएनएचआर) की ओर से किसी स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ की ही की जाती है।

Seema Sharma

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