भोपाल शताब्दी में बेटिकट पकड़े गए युवक का नहीं है आतंकी कनेक्शन—एटीएस

Monday, Jan 08, 2018 - 11:34 PM (IST)

 नेशनल डेस्क: नई दिल्ली से भोपाल जा रही शताब्दी एक्सप्रेस से बिना टिकट यात्रा करने के आरोप में पकड़े गए कश्मीरी युवक बिलाल अहमद वानी मामले में एटीएस बैकफुट पर आ गई है। संदेह व्यक्त किया गया था कि बिलाल का संबंध आंतकियों से हैं। लेकिन जांच के बाद ये आरोप गलत साबित हुए। इसकी पुष्टी खुद आंतकवद निरोधक दस्ते के आईजी असीम अरुण ने की है।

अनंतनाग में है मेडिकल स्टोर
प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के आईजी असीम अरुण ने बताया कि कश्मीरी युवक बिलाल अहमद वानी दिल्ली- भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस में सात जनवरी को बिना टिकट पकड़ा गया था और संदिग्ध आचरण कर रहा था। पूछताछ और अभी तक की जांच से स्पष्ट हो गया है कि उसका नाम पता सही है। उसके परिवार का कश्मीर के अनंतनाग में मेडिकल स्टोर है। बिलाल के साथ दो अन्य कश्मीरी युवक भी दिल्ली में होटल में रुके थे। उनके नाम पते भी सही पाए गए है। हालांकि उनकी तलाश की जा रही है ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। अभी तक की जांच से उनका कोई आतंकी कनेक्शन पुष्ट नहीं हुआ है।

गूंगे बहरे के नाटक से हुआ संदेह
कश्मीरी युवक बिलाल पर संदेह इस कारण भी हुआ था क्योंकि वह पहले गूंगा बहरा होने का नाटक कर रहा था। सबसे पहले राजकीय रेलवे पुलिस को कंट्रोल से सूचना मिली थी कि शताब्दी एक्सप्रेस में संदिग्ध कश्मीरी युवक सवार है। ट्रेन सुबह 8:03 बजे जब मथुरा जंक्शन पहुंची तो सी-6 कोच में सवार कश्मीरी युवक को जीआरपी ने हिरासत में ले लिया। दोपहर को 12 बजे तक वह खामोश रहा लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो बोलने लगा। उसने अपना नाम बिलाल अहमद बानी पुत्र रमजान बानी बताया। वह जम्मू में अनंतनाग जिले के गांव दिलगांव का रहने वाला है।

दस्तावेजों से हुआ सत्यापन
शाम को नोएडा से एटीएस के एएसपी ब्रजेश श्रीवास्तव भी मथुरा पहुंचे गए। बिलाल के पास से दो एटीएम कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सिम कार्ड और आधार कार्ड और दिल्ली के होटल का बिल व दवाओं का बिल मिला है। इस दौरान आधार कार्ड से उसकी पहचान हुई। खुफिया एजेंसियों ने जब पूछताछ में सख्ती की तो वह युवक बोलने लगा। रविवार को शाम तक यूपी एटीएस की टीम भी पूछताछ के लिए पहुंच गई थी। वह कभी कह रहा था कि दवाई बेचता है, कभी खुद को शॉल बेचने वाला बताता। इतना ही नहीं। उससे सख्ती से पूछा गया तो कहने लगा कि ताजमहल घूमने आया था। उसके बताए मोेबाइल नंबरों के आधार पर उसके परिवारीजनों से भी खुफिया एजेंसियों ने बात की।

Advertising