इस उम्र में जेल जाना पड़ा तीन भाई-बहनों को

Monday, May 02, 2016 - 07:48 PM (IST)

मुंबई : अदालत के फैसलों को नजरअंदाज करने वालों के लिए यह खबर एक नजीर साबित हो सकती है। दुकान खाली न करने के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करना तीन बुजुर्ग भाई-बहनों को महंगा पड़ गया। कोर्ट ने इस मामले में महाराष्ट्र के सोलापुर के शंकर बालासाहेब कोकाटे (70), उनके भाई सतीश कोकाटे (62) और बहन अलका मोहन राव मोरे (52) को पांच दिन जेल की सजा सुनाई। इन तीनों के पिता ने 1932 में बामन दत्तात्रेय सोलाके से एक दुकान किराए पर ली थी।
 
 
इस दुकान को रफीक ने खरीदा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि 31 दिसंबर 2015 तक दुकान खाली कर दी जाए। इस फैसले पर शंकर ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली हुई है। इससे पहले रफीक ने कोर्ट की अवमानना का मामला दायर कर दिया। सोमवार को जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई तो जस्टिस जेएस खेहर की बेंच इस बात से बेहद खफा हो गई की अब तक दुकान खाली क्यों नहीं हुई. कोर्ट ने अदालत में मौजूद तीनों भाई-बहन को हिरासत में लेने का निर्देश दे दिया।
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