विधानसभा चुनाव के परिणाम ने तय किया मोदी ही होंगे अगले पीएम!

Saturday, Mar 18, 2017 - 04:28 PM (IST)

नई दिल्ली: पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधनसभा चुनाव के परिणमों पर नजर डालें तो मानना पड़ेगा कि यहां जैसी जीत भाजपा को मिली है इसकी अपेक्षा खुद पार्टी को भी नहीं रही होगी। दोनों राज्यों में भाजपा के हिस्से आई सीटों की संख्या पर नजर दौड़ाएं तो कुल 473 मेें से 381 इसके पक्ष में आई है जो कुल सीट का 80 प्रतिशत है। विधानसभा के इन परिणमों को यदि 2019 मे होने वाले लोकसभा चुनाव के लिहाज से देखा जाए तो स्पष्ट हो जाता है कि अगली बार भी जनता प्रधनमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को ही चुनेगी। 

मणिपुर और गोवा में सरकार बनाने में सफल रही भाजपा
हालांकि पंजाब, गोवा और मणिुर में भाजपा की स्थिति अच्छी नहीं रही। इसके बावजूद भाजपा मणिपुर और गोवा में सरकार बनाने में सफल रही है। यदि लोकसभा सीट के लिहाज से देखें तो पंजब, मणिुर और गोवा पर अकेले उत्तर प्रदेश भारी पड़ता है। इन तीन राज्यों से मिला कर जितने सांसद दिल्ली आते हैं उनसे तकरीन पांच गुणा अधिक सांसद अकेले यूपी भेजती है। ऐसे में देख जाए तो यूपी को फतह कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अपनी जीत पक्की कर ली है। 

मनमोहन सरकार से ऊब गई थी जनता
पिछली लोकसभा चुनावो पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश से भाजपा को 73 सीट मिली थी जो अपने आप में एक रिकार्ड था। माना ज रहा था कि जनता मनमोहन सिंह के नेतृत्व में चल रही 10 साल की संप्रग से ऊब गई थी। नरेंद्र मोदी के रूप में उन्हें एक काम करने वाला व्यक्ति दिखा और अपनी सारी अपेक्षाएं उन पर उड़ेल दी। इतनी भारी जीत के साथ ही यह माना जाने लगा था कि मोदी से लोगों को इतनी अपेक्षएं हैं कि विधानसभा चुनाव 2017 के आते-आते वे मोदी से ऊब जाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। और 2017 के विधानसभा चुनाव में यूपी ने मोदी पर और अधिक भरोसा जताया। इसके पीछे कई कारण है जो सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े हुए हैं।

मोदी की छवि जनता में काम करने वाले नेता की बनी है
 मोदी की जनता में छवि एक काम करने वाले नेता की बनी है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर कुछ ऐसी येजनाओं को लागू किया है जो सीधे तौर पर गरीबों की भलाई से संबंधित हैं। प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी का फैसला भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रहा है और इसका लाभ भाजपा को स्थानीय निकायों से लेकर कई राज्यों में हुए विधनसभा चुनावों में भी हुआ है। मोदी की बढ़ती लोकप्रियता में विपक्ष और खास तौर पर राहुल गांधी की भी बड़ी भूमिका रही है। राहुल मोदी के विकल्प के तौर पर खुद को पेश करने में असफल रहे हैं। इसके अतिरिक्त वह युवाओं को अपने साथ जोडऩे में भी असफल रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला कर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई आप भी मोदी की स्वच्छ छवि के सामने टिक नहीं सकी। यही कारण है कि पंजाब में पूरी संभावना के बावजूद आप कुछ उल्लेखनीय नहीं कर सकी। 

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