चुनावों से पहले धर्म-जाति पर सवार हुई ‘सियासत’

punjabkesari.in Wednesday, Nov 28, 2018 - 11:40 AM (IST)

जयपुर: राजस्थान में जारी मौजूदा विधानसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां विकास के मुद्दों से भटककर जीत के लिए नए-नए हथकंडे अपनाने पर तुली हैं। दोनों दल ऐसे मुददे ढूंढ रहे हैं जिससे सीधे सत्ता की चाबी हाथ लग जाए। ऐसे में भाजपा ने धर्म को आधार बनाया है। सत्तारूढ़ दल ने राजस्थान की 200 सीटों में से महज एक सीट पर ही मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर अपनी मंशा भी साफ कर दी है की इस बार का चुनाव उसी हिंदूत्व के एजेंडे पर लड़ा जाएगा जिसके सहारे वह पूर्व में भी सत्ता हासिल करती रही है। खास बात ये है कि पिछली बार मोदी लहर के दम पर सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा ने इस बार विकास के मुददे से भी किनारा कर लिया है। 

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राहुल को याद आई वंशावली
वहीं धर्म की राजनीति में करने में कांग्रेस भी पीछे नहीं है।  राहुल गांधी को अपनी जाति बताने पर मजबूर होना पड़ा है। राहुल ने अपने पूर्वजों के खाते भी खंगालने शुरू कर दिए हैं। यहां खास बात ये है कि दादा की जगह नाना की वंशावली को ही पुरोहितों के पास मिलने की बात को प्रचारित किया जा रहा है।

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मोदी भी जातिवाद पर
हमेशा विकास की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यहां गियर चेंज कर दिया है। चुनावी रैलियों में जातिवाद को प्रमुख तौर पर वह अपने बयानों में हवा दे रहे हैं। यही कारण है की अपनी जाति पर की गई विरोधियों की पुरानी टिप्पणियों को भी वे गाहे बगाहे उछालकर विरोधियों पर तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ते। 

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हिन्दू कार्ड पर योगी
खास बात ये है कि हिंदुत्व की धार को और पैना करने के लिए भाजपा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ योगी को तैनात कर दिया है। उनके सम्बोधन सुनकर साफ महसूस हो जाता है कि हिंदुत्व की धार को वो यहां और मजबूत करेंगे। अलवर में उनकी कई सभाएं रखी गई हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले काफी समय से गोरक्षकों की वारदातों को लेकर चर्चा में रहे अलवर में योगी किस तरह हिंदुत्व का एजेंडा बढ़ाएंगे।


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Anil dev

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