राजस्थान कांग्रेस में फूट, CM पद के लिए अशोक गहलोत और सचिन पायलट आमने-सामने

Thursday, Jul 11, 2019 - 06:19 PM (IST)

नेशनल डेस्कः लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। राजस्थान में कांग्रेस ने सरकार भले ही बना ली हो, लेकिन सरकार के अंदर खींचतान का दौर जारी है। अब तक इशारों-इशारों में एक दूसरे पर हमला कर रहे अशोक गहलोत और सचिन पायलट अब खुलकर आमने-सामने आ गए हैं। सचिन पायलट कह रहे हैं कि जनता ने अशोक गहलोत के नाम पर वोट नहीं दिया और ऐसा ही आरोप अशोक गहलोत भी सचिन पायलट पर लगा रहे हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बारे में कहा जाता है कि गहलोत को पता है कि कब, कहां और कितना बोलना है। बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के 8 महीने बाद आखिरकार उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट को साफ कर दिया कि वह राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने का मंसूबा ना पालें।

जनता ने उनके नाम पर दिए वोट
गहलोत ने साफ किया कि विधानसभा चुनाव में लोगों ने उनके नाम पर वोट दिए हैं। उनको मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट दिए थे। इसलिए कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है। किसी और के नाम पर वोट नहीं मिले हैं, जो मुख्यमंत्री बनने का दौड़ में भी नहीं थे, वह भी अपना नाम आगे ला रहे हैं।

दरअसल, कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री बनने के छुपे हुए अभियान से परेशान हैं और बजट पेश करने के बाद इस मुद्दे पर आर-पार करने के मूड़ में है। गहलोत ने इशारों-इशारों में आलाकमान को भी साफ कर दिया कि राजस्थान का बॉस मैं हूं। यहां दो नेता नहीं चलेंगे, लेकिन पांच साल तक राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष रहकर विधानसभा चुनाव में नेतृत्व करने वाले नौजवान नेता सचिन पायलट कहां चुप बैठने वाले हैं।

राहुल गांधी के नाम पर बनीं सरकार
पायलट को लगता है कि 5 साल तक हमने मेहनत की और जब मलाई खाने का वक्त आया तो गहलोत टपक पड़े। पायलट को लगता था कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी उनको मौका देंगे मगर कोई कुछ नहीं बोल रहा है तो पायलट की भी बेसब्री बढ़नी लाजमी है। बिना पत्रकारों के सवाल पूछे ही पायलट ने कहा कि राजस्थान में सरकार कार्यकर्ताओं की मेहनत से बनी है और राहुल गांधी के नाम पर बनी है न कि किसी और के नाम पर बनी है।

पायलट ने बजट पर बोलने के लिए पत्रकारों को बुलाया था मगर किसी ने अशोक गहलोत के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं मांगी तो खुद ही बोल दिया और पत्रकारों को यह भी कह दिया कि आप लोग कठिन सवाल नहीं पूछते। माना जा रहा है कि राजस्थान में दोनों के बीच की लड़ाई अब इस स्तर पर पहुंच गई है कि अगर इस मुद्दे पर जल्द कोई फैसला नहीं हुआ तो पार्टी के लिए ठीक नहीं होगा और राज्य में सरकार चलाना भी कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा।

 

Yaspal

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