लड़की के यौन शोषण मामले में आसाराम को उम्रकैद

punjabkesari.in Thursday, Apr 26, 2018 - 01:31 AM (IST)

नेशनल डेस्कः 1972 में आसाराम ने अहमदाबाद से लगभग 10 किलोमीटर दूर मोटेरा कस्बे में अपना पहला आश्रम शुरू किया और इस समय देश में उसके 450 से अधिक आश्रम हैं।उसने अपने आश्रम में आने के लिए कमजोर वर्ग के लोगों को आकर्षित करने के लिए मुफ्त भोजन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कीं और ग्रामीण इलाकों में उसके आश्रमों में देसी दवाएं भी बांटी जाती हैं।

इसके पास 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है जिसमें उसकी जमीन की कीमत शामिल नहीं। आसाराम के बेटे नारायण साईं के पास भी 2500 करोड़ रुपए की संपत्ति है। आसाराम के रुतबे का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि किसी समय हवाई अड्डïे पर उसकी सुरक्षा जांच नहीं होती थी।

माता पिता को मारने की दी गई धमकी
21 अगस्त, 2013 को आसाराम के छिंदवाड़ा स्थित गुरुकुल में पढऩे वाली एक 16 वर्षीय किशोरी ने उसके विरुद्ध नई दिल्ली के कमला मार्कीट थाने में रात 2 बजे यौन शोषण की शिकायत दर्ज करवाई जिसमें उसने कहा, ‘‘मुझे दौरे पड़ते थे। गुरुकुल की एक अध्यापिका ने मेरे माता-पिता से कहा कि आसाराम से इलाज कराएं। आसाराम ने मुझे जोधपुर के निकट फार्म हाऊस में बुलाया। वहां मेरे माता-पिता को बाहर रोक दिया गया और उनसे कहा गया कि आसाराम विशेष तरीके से मेरा इलाज करेगा। इसके बाद मुझे एक कमरे में भेज दिया गया। वहां आसाराम पहले से मौजूद था।’’

 ‘‘जैसे ही मैं कमरे में गई उसने कमरे की बत्तियां बुझा दीं। आसाराम नग्न अवस्था में था। उसने कमरा बंद कर दिया और मेरे साथ छेडख़ानी शुरू कर दी। मैंने चिल्लाना शुरू किया तो मेरे माता-पिता को मारने की धमकी देने लगा और मेरा मुंह बंद कर दिया। उसने मुझे चूमा और आपत्तिजनक तरीके से छुआ। उसने मुझे ओरल सैक्स के लिए कहा लेकिन मैंने मना कर दिया।’’

कम उम्र की लड़कियों के साथ करता था कुकर्म
पीड़िता का कलमबद्ध बयान लेकर सारा मामला राजस्थान पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया जो 1 सितम्बर को आसाराम को गिरफ्तार करके जोधपुर ले गई। तब से वह जोधपुर केंद्रीय जेल में ही बंद था और उसके केस की पड़ताल के दौरान आसाराम के व्यक्तित्व के संबंध में अनेक खुलासे हुए। एक अन्य लड़की के अनुसार आसाराम हमेशा कम उम्र की लड़कियों से कुकर्म व गलत हरकतें करता आया है तथा वह उसकी वासना का शिकार होते-होते बची। आसाराम ने आशीर्वाद देने के बहाने उसके निजी अंगों को छुआ।

आसाराम के राजदार व खास सेवक शिवा के अनुसार अगर कोई लड़की उसे पसंद आ जाती तो वह ‘सांकेतिक भाषा’ में बात करने लगता व महिलाओं से मिलने के लिए खास नाम प्रयोग करता जैसे ‘ध्यान की कुटिया’। वहां रंगरलियों के लिए सारी सुविधाएं मौजूद रहती थीं। पुलिस को एक वीडियो मिला है जिसमें वह एक लड़की के अंगों पर हाथ फेर रहा है।

देश के जाने-माने वकीलों का लिया सहारा
आसाराम ने केस लडऩे के लिए राम जेठमलानी, सुब्रह्मïण्यम स्वामी, सलमान खुर्शीद आदि 14 वकीलों की सेवाएं लीं। उसकी जमानत की अर्जी 12 बार खारिज हुई और मुकद्दमे की सुनवाई के दौरान आसाराम के विरुद्ध गवाही देने वाले 9 गवाहों पर हमले हुए जिनमें से 3 की मौत हो चुकी है।

फैसले की रात आसाराम सो नहीं पाया और राम का नाम जपता रहा तथा 25 अप्रैल को फैसला सुनने के लिए एस.सी./एस.टी. न्यायालय के पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा के समक्ष तय समय से 15 मिनट लेट पहुंचा। जब आसाराम के वकील ने श्री शर्मा से कहा कि ‘‘हम आपसेे कुछ कहना चाहते हैं’’  तो श्री शर्मा ने उत्तर दिया कि ‘‘अब कुछ नहीं सुनना है। केस की सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब केवल फैसला सुनाने का समय है।’’

आसाराम ने दी बूढ़े होने की दलील
इसके बाद श्री शर्मा ने अपने स्टैनो से लगभग 2 पेज टाइप करवाए और कुछ देर बाद आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और उसकी राजदार शिल्पी तथा शरत चंद्र को 20-20 वर्ष कैद की सजा सुना दी। दोषी करार दिए जाते ही आसाराम सिर पकड़ कर बैठ कर राम नाम का जाप करने लगा तथा उम्रकैद की सजा सुनते ही उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े। आसाराम ने भी कहा कि वह बूढ़ा हो गया है उस पर रहम किया जाए पर जज ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

बहरहाल, आसाराम के विरुद्ध एक केस का तो फैसला हो गया परंतु कहानी अभी समाप्त नहीं हुई है। सूरत की 2 बहनों ने भी आसाराम और नारायण साईं पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगा रखा है तथा गांधी नगर की अदालत में आसाराम के खिलाफ यह मामला चल रहा है लिहाजा आसाराम की मुश्किलें अब समाप्त होती दिखाई नहीं देतीं।             —विजय कुमार


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