राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मालिकाना हक का मामला: ओवैसी

Tuesday, Mar 21, 2017 - 05:09 PM (IST)

 हैदराबाद: राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मसले के न्यायालय से बाहर समाधान से इंकार करते हुए आल इंडियाा पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य एवं सांसद असादुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि यह मामला मालिकाना हक से जुड़ा है। उच्चतम न्यायालय के अयोध्या विवाद का हल बातचीत के जरिए किए जाने की सलाह पर आल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुसलिमीन के प्रमुख श्री ओवैसी ने आज ट््वीट कर कहा कि कृपया स्मरण कीजिये बाबरी मस्जिद मालिकाना हक का है, जिसका इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने साझीदार मामले के रूप में गलत निर्णय दिया, इसलिये शीर्ष अदालत में अपील की गई। 

ओवैसी ने किए ट्वीट 
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के इस संबंध में 2010 में दिए गए निर्णय को चुनौती देने वाले ओवैसी ने एक अन्य ट््वीट में कहा कि मुझे उम्मीद है शीर्ष न्यायालय 1992 से लंबित मानहानि याचिका पर निर्णय करेगा। उन्होंने कहा कि वह इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि क्या बाबरी मस्जिद गिराने के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ षडयंत्र के आरोप सिद्ध  होते हैं।  लखनऊ पीठ ने 2010 में दिएनिर्णय में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन हिस्सों में विभाजित किया था। इसमें  से दो हिस्से हिन्दू संगठनों और मुस्लिम संगठन को दिया था। बोर्ड ने फैसले को Þअस्वीकार्य कि बताते हुए कहा था कि यह निर्णय विश्वास पर आधारित है न कि साक्ष्यों पर। 

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