सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में दिल्ली के सरकारी स्कूलों का दबदबा, हासिल किए 98 प्रतिशत परिणाम
Tuesday, Jul 14, 2020 - 06:15 PM (IST)
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने इस साल की सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में अपना परचम लहराया है। परिणामों में लगातार उछाल के साथ दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने इस बार अपने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 98 प्रतिशत परिणाम प्राप्त किए हैं। 2015 के चुनाव में सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने के केजरीवाल के प्रमुख वादे को उनकी सरकार ने पूरा कर दिखाया है। इसी के साथ सीबीएसई की परीक्षा में ऐसा रिजल्ट देने वाली दिल्ली सरकार देश की पहली सरकार बनी है। सरकारी स्कूलों के इस परिणाम से मुख्यमंत्री केजरीवाल बेहद उत्साहित हैं, उन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी बच्चों के साथ-साथ अध्यापकों को भी बधाई दी है।
मुख्यमंत्री ने बयान जारी करते हुए कहा, "इस बात की घोषणा करते हुए मुझे गर्व महसूस होता है कि इस साल दिल्ली सरकार के स्कूलों का सीबीएसई 12वीं कक्षा का परिणाम 98प्रतिशत - अब तक का उच्चतम है। यह ऐतिहासिक है। मेरी टीम एजुकेशन, सभी छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और शिक्षा अधिकारियों को बधाई। आप सभी पर गर्व है।"
Feeling v proud to announce that the CBSE class 12 result of Delhi govt schools this year is 98% - highest ever so far. Its historic.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 13, 2020
Congratulations to my Team Education, all students, teachers, parents and education officers.
Proud of you all.
इन परिणामों पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी खुशी जताई है। सिसोदिया ने ट्वीट में लिखा, "पिछले 5 सालों में, हम हर बार अपना खुद का रिकॉर्ड तोडऩे के लिए खुद से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इस साल कोई अपवाद नहीं है!"
Over the past 5 years, we at #DelhiGovtSchools have been competing with ourselves to break our own record each time. This year is no exception!
— Manish Sisodia (@msisodia) July 13, 2020
2020: 98%
2019: 94.24%
2018: 90.6 %
2017: 88.2%
2016: 85.9%
Congrats to students, parents & Team Education! https://t.co/ktNogcLZEW
केजरीवाल का शिक्षा मॉडल
शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए केजरीवाल सरकार ने पिछले करीब 6 साल में काफी मेहनत की है। सरकार ने शिक्षा बजट को सर्वाधिक बनाने, क्लासों को बढ़ाने, स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर देने के साथ-साथ अध्यापकों की विदेशों में ट्रेनिंग जैसे कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।
- देश में शिक्षा पर सर्वाधिक बजट खर्च
- कुल बजट का 25 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च
- कक्षाओं की संख्या 17,000 से बढ़कर दुगुनी से ज्यादा 37,000 हुई।
- सरकारी स्कूलों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे स्विमिंग पूल, ऑडिटोरियम, प्रयोगशालाएं, लाइब्रेरी, आदि।
- सरकारी स्कूलों के शिक्षक दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में प्रशिक्षित होते हैं।
माना जाता है कि केजरीवाल सरकार पार्ट-टू के पीछे शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव एक बड़ा कारण है। सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा और बेहतर परिणाम अभिभावकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं और बच्चों का रूझान भी इन स्कूलों की तरफ बढ़ा है।