हमेशा नकद लेनदेन के खिलाफ रहे अरुण जेटली, चेक से बच्चों को देते थे पॉकेट मनी
Saturday, Aug 24, 2019 - 07:43 PM (IST)
नेशनल डेस्कः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली रुपयों के लेनदेन को लेकर हमेशा सर्तक रहते थे। उनकी कोशिश होती थी कि वह नकद रुपयों का लेनदेन न करें। उनका मानना था कि जहां पर भी नकद लेनदेन होता है। वहां पर कालेधन की संभावना भी बढ़ जाती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह अपने बच्चों को पॉकेट मनी भी चेक से ही दिया करते थे।
अरुण जेटली वित्तीय प्रबंधन में हमेशा ही सावधानी बरता करते थे। जेटली अपने बच्चों रोहन और सोनाली को जेब खर्च के लिए मिलने वाले पैसे भी चेक से ही दिया करते थे। उन्होंने वकालत की प्रैक्टिस के दौरान ही लोगों की मदद के लिए वेलफेयर फंड का गठन किया था। जेटली इस खर्च का प्रबंधन एक ट्रस्ट के जरिए करते थे। जेटली के घर पर काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चों को वह खुद और उनकी पत्नी संगीता प्रोत्साहन के रूप में गिफ्ट दिया करते थे।
बता दें कि अरुण जेटली अपने घर पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों के बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करते थे। यही नहीं जेटली कर्मचारियों के बच्चों को उसी स्कूल (चाणक्यपुरी स्थित कार्मल कॉन्वेंट स्कूल) में पढ़ाते थे, जहां खुद उनके बच्चे पढ़ा करते थे। जो बच्चे आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहते थे उन्हें वह विदेश में पढ़ने के लिए भेजते थे। कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी खुद जेटली ही उठाया करते थे।