जानें मोदी के लिए कैसे चुनौती बन कर उबरा हार्दिक पटेल?

punjabkesari.in Monday, Aug 31, 2015 - 02:39 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिनका विजयरथ सारे भारतवर्ष पर छाया हुआ है। अब अगर विजय बाकी है तो वे केवल बिहार पर। जैसा कि बिहार चुनाव नजदीक है तो पीएम की नजर बिहार के लोंगो पर है। 

मोदी ने जितना जनाधार  कायम किया उस पर ग्रहण लगाने पहुंचे  हार्दिक पटेल। जो मोदी के ही गुजरात से चुनौती बन कर उबरा है। मोदी तथा हार्दिक एक ही मिट्टी में पैदा हुए हैं। मोदी के  अति गंभीर समस्या ये उत्पन्न हो चुकी है कि अगर  उन्होंने पटेल समाज के लोगों को आरक्षण दिया तो इसके बाद राजस्थान का गुज्जर समाज,पंजाब और हरियाणा का जाट ,महाराष्ट्र का मराठा एवं धनगर समाज,कर्नाटक का लिंगायत समाज तथा आंघ्र का रेड़्ड़ी समाज आरक्षण के लिए संघर्ष शुरु कर देगा।  

केवल 22 साल की उम्र में गुजरात सरकार की नींद उड़ा देने वाले हार्दिक पटेल को दो महीने पहले तक कोई नहीं जानता था, लेकिन आज देश की गली-गली और सोशल मीडिया पर उनकी ख़ासी चर्चा है। गुजरात के अहमदाबाद में  पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के नेतृत्व में आयोजित की गई महारैली में लाखों पाटीदार समाज के लोग इकट्ठे हुए हैं। यह समाज राज्य सरकार से 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है।

हार्दिक पटेल गुजरात के कड़ी तालुका के भाजपा कार्यकर्ता भरतभाई पटेल के बेटे हैं। उन्होंने तीन साल पहले अहमदाबाद के सहजानंद कॉलेज से स्नातक किया है। गुजरात में आबादी का पांचवां हिस्सा पटेल समुदाय का है। पटेल समुदाय आरक्षण और ओबीसी दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर पिछले कई सालों से आंदोलन कर रहा है। इस आंदोलन की कमान अब नई पीढ़ी के हार्दिक पटेल की हाथों में है। कॉमर्स छात्र हार्दिक पटेल ठान चुके हैं कि वे गुजरात में ओबीसी का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे।

वहीं देखा जाए तो पटेल लोगों का अंदोलन इतना प्रभावित हो चुका है कि हार्दिक की सभा में कम से कम 25 लाख लोगों की तादात इकठ्ठा हो जाती है। उसके लिए उन्हें किसी को भी धन का लालच नहीं देना पड़ता हैं। इन पटेल लोगों के पास बहुत सारा धन हैं,यह लोग अमरीका जाकर अपना व्यवसाय करते हैं ।  पटेल अमरीका में जा कर मोटेल जैसा व्यवसाय करते हैं। अन्य व्यवसाय भी उन लोगों ने अपने कब्जे में ले लिया है।

 

 

 

  


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