बीवी का लेट नाइट पार्टी करना क्रूरता नहीं: HC

Sunday, Aug 02, 2015 - 05:44 PM (IST)

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने पत्नी के पार्टी करने, देर से घर आने व शराब पीने को पति के साथ हिंसा मानने से इंकार कर दिया है। फैमिली कोर्ट के फैसले को बदलते हुए हाईकोर्ट ने इस आधार पर पति को तलाक देने से मना कर दिया। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के रहने वाले राजेश और सीमा की शादी 1999 में हुई थी। उनके दो बच्चे भी हैं। 2005 में यह कपल खारघर आया था। 

नवी मुंबई में रहने वाले इस कपल को फैमिली कोर्ट ने तलाक की मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा, तो जस्टिस एमएल थालियानी ने कहा कि सोशल कल्चर और ट्रेडिशन बदल रहा है। इसलिए इस आधार पर तलाक नहीं दिया जा सकता। 

दरअसल, मेरिनर (नौसैनिक) राजेश चावला (42) ने दावा किया था कि उनकी पत्नी सीमा अक्सर लेट नाइट पार्टियों में जाती हैं और घर लौटने पर उनके साथ गलत बर्ताव करती हैं। दोनों में छोटी-छोटी बातों पर विवाद होता है जिससे उनकी जिंदगी नरक बन गई है। इस दावे पर जस्टिस ने कहा, इस बात के कोई क्लियर सबूत नहीं हैं कि किस दिन सीमा ने शराब पी और किस दिन हद से ज्यादा शराब पीकर देर से घर में दाखिल हुई। हालांकि, राजेश खुद ऐसी पार्टियों में जाता रहा है, इसके सबूत मिले है। एक मौके पर तो वह अपनी एक फीमेल फ्रेंड को घर भी लाया था, जोकि नशे की हालत में थी।

राजेश ने कहा कि सीमा उस पर अय्याशी का आरोप लगा कर मानसिक रूप से प्रताडि़त करती है, जिस पर हाईकोर्ट ने कहा कि राजेश ने भी अपनी पत्नी पर इस प्रकार के आरोप लगाए हैं। कोर्ट के मुताबिक, दोनों पार्टियों में जाने और मौजमस्ती के आदी हैं। इसलिए संभव है कि दोनों में किसी बात को लेकर मिसअंडरस्टैंडिंग हो गई हो। इस बात के सबूत नहीं है कि राजेश के साथ क्रूरता की गई हो इसलिए इस आधार पर उसे तलाक नहीं दिया जा सकता। 

Advertising