कलाम अंकल का वक्त पर दखल देने के लिए शुक्रिया!

Wednesday, Jul 29, 2015 - 05:23 PM (IST)

केंद्रपाड़ा: जब पूरा देश ‘जनता के राष्ट्रपति’ के निधन पर गम में डूबा हुआ है, तब ओडिशा के एक दूरदराज गांव की एक अनाथ महिला एपीजे अब्दुल कलाम का सुलूक याद करती है जो उन्होंने दस साल पहले एचआईवी से संक्रमित उसके भाई बहन के प्रति दिखाया था। उसने नाम न उजागर करने की गुजारिश पर कहा, ‘मेरे लिए, वह एक मसीहा थे। मेरे छोटे भाई और बहन एचआईवी से संक्रमित थे। मेरे संक्रमित भाई बहन आज जीवित हैं, कलाम अंकल का वक्त पर दखल देने के लिए शुक्रिया।’  

केंद्रपाड़ा जिले के ऑलवेयर गांव की युवती ने याद करते हुए कहा, ‘मैं उस वक्त खुशी से अभिभूत हो गई, जब जून 2005 में डाकिया तत्कालीन राष्ट्रपति का हस्ताक्षरित एक पत्र और बीस हजार रुपए का ड्राफ्ट लेकर आया। मैंने कलाम अंकल को अपने भाई बहन की दुर्दशा के बारे में पत्र लिखा था।’ 

उसने कहा, ‘उस वक्त मैं मुश्किल से 11 साल की थी और मेरे भाई बहन छह और चार वर्ष के थे। मेरे माता पिता के गुजरने के बाद मैं ही उनका ध्यान रख रही थी। मुझे मीडिया से पता चला कि वह जनता के राष्ट्रपति हैं। वह बच्चों से प्यार करते हैं। मैंने उन्हें एक खत लिखा।’ उसने कहा कि कलाम की दखल के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और परिवार को बचाया। उसके बाद कई अन्य जगहों से भी मदद आई।

Advertising