इन बातों का डॉ. कलाम ने कभी भी नहीं किया था जिक्र

Wednesday, Jul 29, 2015 - 04:21 PM (IST)

नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन नाम से प्रसिद्ध डॉ. अब्दुल कलाम को गत सोमवार शाम आईआईएम शिलांग में एक कार्यक्रम में लेक्चर देते वक्त दिल का दौरा पड़ गया था जिसके बाद उन्हें शिलांग के बेथनी अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और उनका निधन हो गया। चाह वह आज हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनकी बातों की छाप अभी भी सभी के दिलों में राज कर रही है। कुछ ऐसी बातें है जिसके बारे में डॉ. कलाम ने जिक्र तक नहीं किया लेकिन कई  हस्तियों ने अपनी किताबों में इनके द्वारा किए गए कामों का जिक्र किया है। 
 
जेब से चुकाया अपने परिवार का खर्चा 
राष्ट्रपति कलाम अपने परिवार का खर्च खुद ही चुकाते थे इसके बारे में कभी भी कलाम ने खुद जिक्र नहीं किया लेकिन सचिव नायर ने अपनी किताब में बताया कि मई 2006 में राष्ट्रपति कलाम का पूरा परिवार उनसे मिलने दिल्ली आया। वह सारा परिवार 8 दिन राष्ट्रपति भवन में रुके। उनके घूमने और खाने पीने तक एक प्याली चाय तक का भी पूरा खर्च कलाम ने अपनी जेब से चुकाया। उनके जाने के बाद कलाम ने अपने अकाउंट से 352000 रुपये का चेक काट कर राष्ट्रपति कार्यालय को भेजा।
 
मुशर्रफ को दिया लेक्चर
सचिव नायर ने अपनी किताब में लिखा कि कलाम ने आज दिखाया कि वैज्ञानिक भी कूटनीतिक हो सकते हैं। दरअसल, 2005 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने तत्कालीन राष्ट्रपति कलाम से मुलाकात की। मुलाकात से पहले उनके सचिव नायर ने उनसे कहा कि मुशर्रफ कश्मीर का मु्द्दा जरूर उठाएंगे। कलाम ने कहा कि वह सब संभाल लेंगे। 30 मिनट तक चली मुलाकात में मुशर्रफ ने सिर्फ कलाम की सुनी। मुलाकात के 30 मिनट समाप्त होने के बाद मुशर्रफ ने कहा, ''धन्यवाद राष्ट्रपति महोदय, भारत भाग्यशाली है कि उसके पास आप जैसा एक वैज्ञानिक राष्ट्रपति है।'' 
 
बस 2 छुट्टियां
कहते हैं कि कलाम ने अपनी पूरी प्रफेशनल जिंदगी में केवल 2 छुट्टियां ली थीं। एक, अपने पिता की मौत के समय और दूसरी, अपनी मां की मौत के समय।
 
इफ्तार भोज के पैसे का सदुपयोग  
नवंबर 2002 में रमजान के दौरान कलाम ने अपने सचिव को बुला कर कहा कि इफ्तार भोज में जो लोग आएंगे वह तो खाते पीते घरों के होगे इन पर कितना खर्चा आएंगा तब सचिव ने बताया कि ढाई लाख रुपए का खर्च आता है तो कलाम ने कहा कि यह पैसा अनाथालयों में बांट दिया जाएं और फिर कहा कि यह सारा पैसा सरकारी पैसे से खरीदा गया है,इसमें उनका तो कुछ योगदान नहीं है। इसलिए फिर कलाम ने अपने अकाउंट से एक लाख रुपए का चेक दिया और सचिव से कहा कि इसका भी वैसे ही उपयोग करें। साथ ही उन्होंने इस बात की हिदायत भी दी कि यह बात किसी को पता न चले।
 
मैंने ऊपर बात कर ली है
15 अगस्त 2003 को कलाम ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शाम को राष्ट्रपति भवन के लॉन में चाय पार्टी का आयोजन किया, जिसमें 3000 लोग आमंत्रित थे। बारिश रोकने का नाम नहीं ले रही थी इसी बात से परेशान दोपहर 12 बजे राष्ट्रपति के सचिव ने कलाम से बात की तो उन्होंने कहा, ''अगर बारिश जारी रही तो ज्यादा से ज्यादा क्या होगा! हम भीगेंगे ही न।'' परेशान नायर वापस जाने के लिए मुड़े, वह दरवाजे तक ही पहुंचे थे कि कलाम ने उन्हें पुकारा और आसमान की ओर देखते हुए कहा, ''आप परेशान न हों, मैंने ऊपर बात कर ली है।'' ठीक 2 बजे बारिश थम गई और सूरज निकल आया। चाय पार्टी समाप्त होने के बाद जैसे ही कलाम राष्ट्रपति भवन की छत के नीचे पहुंचे, फिर से बारिश शुरू हो गई।
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