1993 मुंबई बम ब्लॉस्ट: याकूब को कल सुबह 7 बजे नागपुर जेल में दी जाएगी फांसी

Thursday, Jul 30, 2015 - 06:39 AM (IST)

नई दिल्ली:  साल 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी को लेकर इतने दिनों से चला आ रहा सस्पेंस आखिरकार आज खत्म हो गया है। 30 जुलाई को फांसी टालने की याकूब की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद अब यह तय हो गया है कि याकूब को फांसी 30 जुलाई को  सुबह 7 बजे नागपुर जेल में ही होगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि याकूब की क्यूरेटिव याचिका पर दोबारा सुनवाई नहीं होगी। इस तरह याकूब फांसी के फंदे के बेहद करीब आ गया है।

गवर्नर ने खारिज की दया याचिका

महाराष्ट्र के गवर्नर ने भी आज याकूब मेमन की दया याचिका खारिज कर दी है। याकूब ने राष्ट्रपति के पास भी दया याचिका भेजी थी, जिस पर फैसला आना बाकी है।

अदालत से नहीं मिली राहत
याकूब की याचिका पर आज तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की। इससे पहले गत मंगलवार को याकूब की याचिका पर जस्टि‍स ए.आर. दवे और जस्ट‍िस कुरियन जोसेफ के बीच मतभेद हो गया था, जिसके बाद मामला चीफ जस्ट‍िस को भेजा गया था। आझ याकूब के वकील राजू रामचंद्रन ने बेंच के सामने अपना पक्ष रखा और उसके बाद अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बहस शुरू की। रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि याकूब ने मौत की सजा पाने वाले अपराधियों को दी जाने वाली सारी स्थितियां आजमा ली हैं और उसकी सजा हर स्तर पर बरकरार रखी गई, ऐसे में अब इस दया याचिका का कोई तुक नहीं बनता।
 
सीबीआई का बड़ा खुलासा
सी.बी.आई के एक पूर्व अधिकारी ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि याकूब को भारत लाने के पीछे सी.बी.आई का अहम किरदार था और संस्थान ने उसे सुरक्षा का भरोसा दिया था। सी.बी.आई के शीर्ष अधिकारी रहे शांतनु सेन ने एक टीवी चैनल से इंटरव्यू में कहा कि सीबीआई ने पाकिस्तान में अपने सभी सूत्रों की मदद से मेमन परिवार को यह यकीन दिलाया था कि उनकी सुरक्षा भारत में ही मुमकिन है। शांतनु ने उन खबरों और दलीलों को खारिज किया, जिसमें कहा जा रहा है कि सीबाआई ने टाइगर और दाऊद इब्राहिम के बारे में जानकारी के बदले याकूब को छोड़ने जैसा कोई वादा किया था।

परिवार को विश्वास था टल जाएगी सजा
याकूब के परिवार को भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में याकूब मेमन की अर्जी पर न्याय होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ, याकूब को फांसी की सजा सुना दी गई है। आपको बता दें कि याकूब 1993 मुंबई विस्फोट मामले में मौत की सजा पाने वाला एकमात्र गुनहगार है जो गुरुवार को 53 साल का होने वाला है।

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