साध्वी प्रज्ञा के लिए इंसाफ की मांग, कितनी सही कितनी गलत?

Monday, Jul 20, 2015 - 11:39 AM (IST)

नई दिल्ली: 2008 के मालेगांव विस्फोट कांड में फंसी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के लिए सोशल मीडिया पर लोग इंसाफ की गुहार लगा रहे है। प्रज्ञा के इन समर्थकों का मानना है कि वह बेकसूर है और उन्हें जल्द से जल्द इस मामले में इंसाफ मिले। सोशल मीडिया पर कमेंट करते हुए लोगों ने लिखा है कि अगर आय से अधिक संपत्ति मामले में जयललिता, हिट एंड रन केस में सलमान खान और बेंगलुरु ब्लास्ट केस में अब्दुल नसार को जमानत मिल सकती है, तो साध्वी प्रज्ञा को क्यूं नहीं। 

सोशल मीडिया पर तो कई लोग उनकी इस केस में फंसने की वजह उनका हिदू हाना बता रहे है। उनका कहना है कि अगर किसी क्रिमिनल को रिहा किया जा सकता है, तो बेकसूर प्रज्ञा को क्यूं नहीं। अब प्रज्ञा इस केस में सजा की हकदार है या नहीं ये तो समय ही बताएगा, लेकिन कई लोगों का ये भी कहना है कि अगर कोई आरोपी है और उसने वह गुनाह किया है, तो वह सजा का भी हकदार है, चाहे फिर वह कोई भी हो।

बता दें कि 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में 12 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित शामिल हैं। इन 12 व्यक्तियों में से चार जमानत पर हैं। एनआईए ने मामले को 2011 में अपने हाथ में लिया था और बाद में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। यद्यपि उन्हें एक चूक के चलते जमानत मिल गई क्योंकि उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर नहीं किया गया था।

29 सितम्बर 2008 को हुए मालेगांव विस्फोट में चार व्यक्ति मारे गए थे और 79 अन्य घायल हो गए थे। प्रारंभिक जांच में इस घटना में अल्पसंख्यक समुदाय के शामिल होने का संदेह जताया गया। यद्यपि तत्कालीन एटीएस प्रमुख दिवंगत हेमंत करकरे के नेतृत्व में हुई जांच में दक्षिणपंथी चरमपंथियों के शामिल होने का संदेह जताया गया और साध्वी ठाकुर और अन्य गिरफ्तार कर लिए गए। 

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