‘मुलायम को प्रदेश के 22 करोड़ लोगों की नहीं, परिवार के 22 लोगों की चिंता’

Wednesday, Jul 15, 2015 - 08:00 PM (IST)

लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने रविवार को लखनऊ में आयोजित राज्य पुनर्गठन प्रतिनिधि सम्मेलन में सत्तारूढ़ सपा सरकार और सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने मुलायम सिंह पर भी तंज कसते हुए कहा कि उन्हें प्रदेश के 22 करोड़ लोगों की नहीं अपनी परिवार के 22 लोगों की चिंता है। उन्होंने प्रदेश के पुनर्गठन की मांग करने वाले सभी संगठनों की समन्वय समिति बनाने और बुंदेलखंड, पूर्वांचल व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक साथ आंदोलन करने पर जोर दिया।

रालोद अध्यक्ष ने कहा, लोगों के मन में छोटे राज्य की बात है, इस चिंगारी को आग बनाने की जरूरत है। वह हिंसक आंदोलन के पक्ष में नहीं हैं। प्रजातंत्र में बहुत सारी चीजें चुनाव तय होती हैं। 2017 का विधानसभा चुनाव इसके लिए मौका है। उन्होंने कहा, तेलंगाना में 50 साल तक राज्य बनाने के लिए आंदोलन चला। लिहाजा यूपी के लोगों को निराश होने की जरूरत नहीं है। अजित ने कहा, बड़ी सभाएं करने के साथ ही छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर लोगों के बीच जाएं।
 
विभाजन की आवाज उठाने वाली संस्थाओं को एक मंच पर लाया जाए। जिला स्तर तक कमेटियां बनाई जाएं और सभी संगठनों की समन्वय समिति बनाकर प्रदेश भर में आंदोलन चलाए जाएं। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान, पूर्वांचल बनाओ आंदोलन के रमाशंकर यादव व बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के महामंत्री रविंद्र कुरेले आदि ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
 
मुलायम को बना दीजिए सैफई का पीएम-
अजित सिंह ने कहा, मुलायम सिंह की सोच सैफई से निकलकर इटावा, एटा और मैनपुरी तक सीमित हो जाती है। इसलिए उन्हें जीवन भर के लिए सैफई का प्रधानमंत्री बना दिया जाए। उन्हें 22 करोड़ लोगों की नहीं अपने परिवार के 22 लोगों की चिंता है।
 
विभाजन विरोधी सपा का होगा सफाया-
रालोद सुप्रीमो ने कहा कि यूपी के विभाजन के विरोध में सिर्फ समाजवादी पार्टी है। दुर्भाग्य है कि प्रदेश की सत्ता उसी के हाथ में हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में उसका सफाया हो जाएगा। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह का दिल बड़ा होता तो समस्या न होती। वह पूरी यूपी की समीक्षा नहीं करते, इसीलिए साढ़े चार मुख्यमंत्री बना दिए हैं।
Advertising