यहां तोप की आवाज सुनकर लोग खोलते हैं रोजा!(Watch Pics)

Tuesday, Jul 14, 2015 - 10:00 AM (IST)

भोपाल: मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में 200 साल पुरानी परंपरा आज भी कायम है। यहां आज भी मुस्लिम समाज के लोग किले की पहाड़ी से चलने वाली तोप की आवाज सुनकर ही रोजे खोलते हैं। यह परंपरा नवाबी शासन काल से चली आ रही है। इस तोप की गूंज करीब 30 गावों तक सुनाई देती है, जिसे सालों से एक ही परिवार चलाता आ रहा है।

जानकारी के मुताबिक, जिला मुख्यालय पर रमजान के दौरान सेहरी व अफ्तारी की समय की सूचना देने के लिए तोप चलाए जाने की परंपरा है। किले की पहाड़ी पर पप्पू भाई और सईद खां तोप चलाकर रोजाना रोजे खोलने की सूचना देते हैं। इस तोप को चलाने के लिए बाकायदा जिला प्रशासन द्वारा एक माह का लाइसेंस भी जारी किया जाता है। रमजान की समाप्ति पर ईद के बाद तोप की साफ-सफाई कर इसे सरकारी गोदाम में जमा कर दिया जाता है। 

तोप चलाने के लिए आधे घंटे पहले तैयारी करना पड़ती है, तब कहीं जाकर समय पर तोप चल पाती है। रजमान में समय का बड़ा महत्व होता है, इसलिए उसका पूरा ख्याल रखा जाता है। प्राचीन परंपरा के अनुसार, समय की सूचना देने के लिए सेहरी से 2 घंटा पहले रोजदारों को जगाने के लिए नगाड़े बजाए जाते हैं, जिससे लोग समय से पहले तैयारी कर सकें। इन नगाड़ों की आवाज दूर-दूर तक सुनाई देती है।

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