दाऊद को भारत लाने की कोशिशों पर अर्जी खारिज

Wednesday, Jul 08, 2015 - 01:55 PM (IST)

नई दिल्लीः अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को भारत लाने की कोशिशों पर अर्जी खारिज हो गई।

गौरतलब है कि शिवसेना ने इस स्वीकारोक्ति पर मंगलवार को राकांपा नेता शरद पवार पर हमला बोला कि दाऊद इब्राहिम ने उस समय कुछ शर्तों के साथ समर्पण की पेशकश की थी जब वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। इसने सहयोगी भाजपा पर भी प्रहार किया और पूछा कि अंडरवर्ल्ड डॉन को भारत वापस लाने का प्रयास करने से केंद्र को किसने रोका।

पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में आज कहा, ‘यदि इच्छाशक्ति हो तो उसे आज भी घसीट कर भारत वापस लाया जा सकता है। यह बहुत ज्यादा कठिन नहीं है। अमेरिकी कमांडो पाकिस्तान गए और ओसामा बिन लादेन को ढेर कर दिया। उन्होंने उसके समर्पण करने का इंतजार नहीं किया और न ही उन्होंने उससे समझौता शर्तें कीं।’

शिवसेना ने कहा, ‘जब पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे, भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे कहते थे कि उनके (पवार के) दाऊद इब्राहीम से संबंध हैं। विधानसभा में और बाहर भाषणों में मुंडे कहते थे कि हम गृह मंत्रालय अपने पास आने पर दाऊद को घसीटकर भारत लाएंगे।’ इसने कहा, ‘हालांकि शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे, दाऊद के प्रत्यर्पण पर अंतिम फैसला केंद्र सरकार को करना चाहिए था।’

संपादकीय में कहा गया, ‘यदि पवार पर समर्पण के लिए दाऊद की मांगों को नकारने के आरोप लग रहे हैं तो फिर मुख्यमंत्री के रूप में पवार का कार्यकाल खत्म होने के बाद दाउद को भारत वापस लाने को लेकर कोई पाबंदी नहीं थी।’ इसने कहा कि यदि दाऊद को तब वापस लाना संभव था, तो आज केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार है और इसलिए उसे आज भी वापस लाया जा सकता है।

संपादकीय में कहा गया कि जब राजनीतिक नेता और पुलिस अधिकारी आईपीएल के पूर्व मुखिया ललित मोदी से मिलते हैं तो शोरशराबा होता है और इस्तीफों की मांग की जाती है, लेकिन जब दाऊद इब्राहिम जैसा कोई ‘देशद्रोही’राजनीतिक नेताओं से मिलता है तो तब इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता।

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