''पहले सभी ने की जोर-जबरदस्ती, फिर पेट्रोल डालकर जला डाला'', CBI जांच की मांग

Tuesday, Jul 07, 2015 - 06:15 PM (IST)

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में थाने के सामने एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में जल जाने के बाद अस्पताल में मौत के मामले में पीड़ित परिजन ने आज मामले की सीबीआई जांच की मांग की।

वारदात की शिकार महिला के बेटे संतोष ने कहा कि वह और पूरा परिवार उसकी मां के साथ हुई वारदात में अब तक की गयी कार्रवाई से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है और अब इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द किया जाना चाहिये। संतोष ने मांग की कि उसकी मां नीतू के मृत्युपूर्व बयान के आधार पर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए और अब जो भी कार्रवाई हो वह मौत से पहले उसकी मां द्वारा दिये गये बयान के आधार पर ही हो।

उसने कहा कि वारदात के बाद जिन दो पुलिसकर्मियों को निलम्बित किया गया उनके निलबन की वजह दूसरी है। उन्हें नीतू के पति रामनारायण को अवैध रूप से हिरासत में रखे जाने की वजह से निलम्बित किया गया है। एेसा निलंबन वापस होने में देर नहीं लगती।

गौरतलब है कि बाराबंकी के कोठी थाने के बाहर कल एक हिन्दी दैनिक के क्षेत्रीय संवाददाता की मां नीतू संदिग्ध परिस्थियों मंे गंभीर रूप से झुलस गई थी। उसे लखनउ स्थित ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान आज सुबह मौत हो गयी।

मामले की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिये गये हैं। नीतू ने कल मजिस्ट्रेट और मीडिया के सामने दर्ज कराए अपने बयान में कहा था कि वह कोठी थाने की हवालात में बंद अपने पति रामनारायण को छुड़ाने गयी थी, जहां थाना प्रभारी राय साहब सिंह यादव और उपनिरीक्षक अखिलेश राय ने उससे एक लाख रूपए की मांग की थी। रुपए देने से इंकार करने पर पुलिसकर्मियों ने उसके साथ गाली गलौज की थी और थाने के बाहर उसके शरीर पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी थी। 

उधर, पुलिस का कहना है कि थाने पर तैनात पुलिस अधिकारियों की कथित अभद्रता और गाली गलौज से क्षुध होकर महिला ने खुद को आग लगायी थी। पुलिस अधीक्षक अब्दुल हमीद ने दोनों आरोपी पुलिस अधिकारियों को कल ही निलंबित कर दिया था। दोनों के खिलाफ गलत ढंग से हिरासत में रखने, गाली-गलौज करने तथा आत्महत्या के लिये प्रेरित करने के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा कांग्रेस ने भी थाने के सामने महिला के संदिग्ध परिस्थितियों में जलने की वारदात की सीबीआई जांच की मांग की है।

भाजपा के प्रान्तीय अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि प्रदेश में पत्रकारों तथा उनके परिजन के प्रति हो रही वारदात अत्यन्त चिंताजनक है। पार्टी की मांग है कि बाराबंकी में हुए कांड की सीबीआई जांच हो। यही नहीं, बल्कि हाल में पत्रकारों के खिलाफ जितनी भी घटनाएं हुई हैं उनकी सीबीआई जांच हो और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

उन्होंने बाराबंकी में हुई वारदात के मामले में महिला के शव के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी और पीड़ित परिजन को 30 लाख रूपए तथा सरकारी नौकरी दिये जाने की मांग भी की। कांग्रेस प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने भी बाराबंकी में हुई वारदात की कड़ी निंदा करते हुए इसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग की। इसके पूर्व, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बाराबंकी की घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने लखनउ में मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताआें से बातचीत में एक सवाल पर कहा ‘‘घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिये जा चुके हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।’’ उन्होंने कहा कि जहां तक आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का सवाल है तो वह पहले ही शुरू की जा चुकी है और आगे जिस तरह की कार्रवाई की जरूरत पड़ेगी, वह की जाएगी। 

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