बिनब्‍याही मां के बच्चे पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

punjabkesari.in Monday, Jul 06, 2015 - 12:55 PM (IST)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बिनब्याही मां के बच्चे की गार्जियनशिप पर आज एक बड़ा फैसला दिया। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि अगर कोई बिन ब्याही मां अपने बच्चे की गार्जियनशिप चाहती है तो उसे पिता की रजामंदी लेना जरूरी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह फैसला दिया। याचिका में महिला ने बच्चे की कस्टडी के लिए पिता की रजामंदी होने की शर्त को चुनौती दी थी।

एक महिला की ओर से दायर अपील के अनुसार गार्जियनशिप पिटीशन की प्रकिया में पिता के शामिल होने की प्रक्रियात्मक अनिवार्यता को चुनौती दी थी। महिला ने अपनी पिटीशन में तर्क दिया था कि पिता को तो ये जानकारी तक नहीं है कि कोई भी बच्चा है।

 

गार्जियन और वाड्र्स एक्ट और हिंदू माइनोरिटी एंड गार्जियनशिप एक्ट के अनुसार बच्चे का संरक्षण हासिल करने के लिए पिता की सहमति के लिए उसे नोटिस भेजा जाता है। इस मामले में महिला ने इस इस जरूरत पर सवाल उठाया और कहा कि बच्चे के जानकारी से दोनों अभिभावकों को ज्यादा मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।

महिला का तर्क था कि पिता का बच्चे की परवरिश से कोई सरोकार नहीं है। दिल्ली के ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट ने महिला के खिलाफ फैसला सुनाया जिसके बाद महिला ने 2011 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।


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