परिवालों ने मरा समझ कर दिया अंतिम संस्कार, डेढ़ माह बाद लौट आया घर

Saturday, Jul 04, 2015 - 04:50 PM (IST)

रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक व्यक्ति का डेढ़ महीने पहले संस्कार किया गया और फिर उसके बाद वह घर लौट आया। जी हां, अकसर हम ऐसा फिल्मों में देखते है लेकिन छत्तीसगढ़ में ये वाक्या हकीकत में देखने को मिला। डेढ़ महीने पहले जिस व्यक्ति का आंध्र के विशाखापट्नम में उसके परिजनों ने ही अंतिम संस्कार कर दिया, वह जीवित लौट आया है। उसके घर लौटने से पूरे गांव में खुशी का माहौल है।

सनू राम अपने पिता की सबसे छोटी संतान है। वह केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग में कार्यरत था। उसकी पोस्टिंग विशाखापट्नम में थी।  डेढ़ माह पहले 17 मई को विभाग से सूचना मिली कि सनू राम की मौत हो गई है। सूचना मिलने पर उसकी पत्नी, दो बच्चे और भतीजे विशाखापट्नम गए और वहीं उसका अंतिम संस्कार कर लौट आए। परिजनों ने वहां से आने के बाद श्राद्ध, भोज आदि कर्मकांड भी कर दिए।

इसी बीच उसी विभाग के नागपुर कार्यालय में कार्यरत मंझले भाई सहज राम को विशाखापट्नम से सूचना मिली कि उनका छोटा भाई जीवित है और उसे विभागीय कार्यालय में ही रखा गया है। सूचना के बाद सनू राम के परिजन फिर विशाखापट्नम गए और सनू राम को लेकर घर लौटे। उसकी सकुशल घर वापसी के बाद परिजन पूजा-पाठ कर भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं।

सनू राम ने परमाणु उर्जा विभाग के लोटापानी कैंप में लगभग दस साल पहले श्रमिक के रूप में काम करना शुरू किया था। इसके बाद उसका ट्रांसफर नागपुर हो गया। वहां दो साल काम करने के बाद उसे विशाखापट्नम भेज दिया गया था, जहां वह बीते सात सालों से काम कर रहा था। लगभग सात-आठ माह पूर्व उसने अचानक ड्यूटी पर जाना बंद कर दिया। उसके काम पर न आने की सूचना विभाग ने उसके परिजनों और स्थानीय पुलिस को भी दे रखी थी। इसी दौरान विभाग को स्थानीय पुलिस ने एक अज्ञात शव मिलने की सूचना दी। उसकी पहचान सनू राम के रूप में की गई और उसके परिजनों को सूचित कर दिया गया। सूचना पाकर सनू के परिजन विशाखापट्नम पहुंचे और पुराने हो चुके शव को फोटोग्राफ व पैर में बने घाव के निशान के आधार पर सनू राम मान लिया और उसका वहीं अंतिम संस्कार कर दिया।

इतना कुछ होने के बाद विभाग के कुछ कर्मचारियों ने सनू राम विशाखापट्नम के आस-पास देखे जाने की सूचना कार्यालय को दी। इसके बाद सनू राम को कार्यालय में लाकर रखा गया और परिजनों को उसके जीवित मिलने की सूचना देकर बुलाया गया। परिजनों के आने के बाद सनू राम को उन्हें सौंप दिया गया। 

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